कवियों ने हिन्दी दिवस पर हुंकार भरी ,गुंजा दिया हाल।
कवियों ने हिन्दी दिवस पर हुंकार भरी ,गुंजा दिया हाल।

होशंगाबाद। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के अवसर पर नर्मदा आव्हान सेवा समिति  होशंगाबाद व्दारा कवि समागम ,सम्मान समारोह का आयोजन गीता मैरिज पैलेस मे किया गया।
      जिसमें मुख्य अतिथि अतंर्राष्ट्रीय कवि प्रो.ओमपाल सिंह निडर,वरिष्ठ कवि पवांर हिन्दुस्तानी, कर्नल गिरीजेश नारायण सक्सेना की विशेष आतिथ्य मे प्रसिद्ध कवि धूमकेतु कीअध्यक्षता मे सम्पन्न हुआ।अतिथिओ एवं कवियों का स्वागत श्रीमती निर्मला राय,केप्टन करैया,हंस राय ने फूल-मालाओं से किया। 
       आतंकवादियों, समाज द्रोहियों, पाकिस्तान सहित व्यवस्था पर करारे व्यंग्य किये ।दो सत्रों में चले इस आयोजन में जहां वरिष्ठ कवियों ने अपनी शानदार कविताओं से प्रभावित किया वही युवा कवियों ने अपनी ओजस्वी कविताओं से हाल गुंजा दिया।सबसे उल्लेखनीय बात ये रही कि इस सम्मेलन में युवा कवयित्रियों ने भी बडचढ़ का दमदार जानदार कविता पाठ से मनमोह लिया।
  मुख्यातिथि निडर ने हिंदी दिवस कार्यक्रम की बधाई देते हुए कार्यक्रम की सराहना करते हुए उठो साथियों निज धर्म मिट न जाए ,बहनो जागो निज शरम बिक न जये प्रस्तुत की।पवांर हिन्दुस्तानी ने आजादी के तार तार पर गाढा खून चढा होता है।भगत,सुभाष, तिलक, गांधी वहीं अमर होता है।
सुनाई।कर्नल गिरीजेश ने कहा भोपाल मेरी जन्मभूमि ओर सारा देश मेरी कर्मभूमि है।होशंगाबाद के घाट से मैरी कविता की शुरुआत हुई।
  धूमकेतु ने कहा की कुल मिला कर आयोजन कोरोना काल के बाद अपनी शानदार प्रस्तुति के लिये याद रखा जायेगा और इसका पूरा श्रेय भाई केप्टन किशोर करैया और उनकी समिति को जाता है।
आयोजको बधाई देते हुए उन्होने चकाचौंध मे तुम डूबे अंधकार को भूल गये, धन दौलत वैभव पाते ही दरिद्र जनो को भूल गये सुनाई।
       मां सरस्वती की पूजा अर्चना से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।सरस्वती वंदना उज्जैन से आई श्रुति शारदा श्री ने गाकर सम्मेलन का प्रारंभ किया। 
      जिसमें देश के विभिन्न अंचलों से आए 35 कवियों ने श्रोताओं को अपनी कविता, गीत, गजल,हास्य, व्यंग्य की रचनाओं से भाव विभोर कर दिया।जो निरंतर देर शाम तक चलता रहा।
     व्दितीय सत्र के मुख्य अतिथि पं.भवानीशंकर शर्मा ,डाँ.अतुल सेठा की गरिमामय उपस्थिति मे सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ।इस दौरान श्री शर्मा ने हिन्दी के महत्व को बताया तथा उन्होंने कहा की कवियों-लेखकों के माध्यम से हमारे देश में जागरूकता में तेजी आई है। 
 कार्यक्रम संयोजक केप्टन करैया को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए।डाँँ.सेठा ने कविसमागम की सराहना करते ओर कवियों शुभकामनाएं दी।
     पं.भवानी शंकर शर्मा,डाँ. अतुल सेठा,निर्मला राय,केप्टिन करैया, हंसराय ने आंमत्रित कवियों का फूलमालाओं,स्मृति चिन्ह, हिन्दी साहित्य रत्न से सम्मानित किया गया।
     कवि सम्मेलन का संचालन दीपक साहू एंव मुकेश मासूम ने किया ।कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान करते हुए।पवनी कुमारी धनबाद ने कलमकार निकलो उजाले से बाहर ,अँधेरे मे सीता छली जा रही है।पर खूब भारत माता की जयघोष के नारे लगे।आगरा से आइ मीरा शर्मा ने मीरा कान्हा की ऐसी दीवानी बनी,एक अनूठी जहां मे कहानी बनी जिसको श्रोताओं ने खूब सराहा। आगरा के डाँँ. अंगद सिंह धारियां ने घर की कमियां छुपाती हे ये बेटियां, हमको जीना सिखाती हैं ये बेटियां पर खूब वाहवाही लूटी। बहुत गुदगुदाया। भोपाल के यश धुरंधर ने देशप्रेम की रचना प्रस्तुत करते हुए हम धीर है,हम वीर हैहम बहुत गहण गम्भीर है। उज्जैन की शारदा श्री ने ओ सपनों के राजा मेरे गीत सजाने आ जाना।गाडरवाडा के प्रशांत कौरव ने बेसख शीश झुकाता हूँ,मंदिर ,मस्जिद, चर्च ओर गुरुव्दारो को पर खूब ताली बटोरी। मुलताई के दीपक साहू ने जब सत्ता ओर शस्त्र साहित्य के साथ मंच पर उपस्थित हो उस देश को तरक्की से कोई रोक नहीं सकता  पर खूब वाहवाही हुई।नितेश कुमार नैश,विनित नामदेव, मनोज दुबे, राहुल राय,नजर होशंगाबादी,एस.आर.धोटे, हिमांशु हार्दिक, शिवा यादव,विनीता पैगवार,वंदना खरे,आरती शर्मा,वैशाली तिवारी, अंजना चौबे, श्रुति तिवारी, सुनीता परसाई सहित अनेक  कवियों ने देर शाम तक श्रोताओं को खूब गुदगुदाय एवं लोट पोट करते हुए बांधे रखा। 
कार्यक्रम का संचालन आरती शर्माओर आभार् प्रदर्शन हंस राय ने किया।