जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर में कृषि विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर किया शुभारम्भ एवं अवलोकन
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जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर में कृषि विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर किया शुभारम्भ एवं अवलोकन

जिलाधिकारी ने कृषक भाइयों से पराली न जलाने का किया आग्रह

कृषि वैज्ञानिक ने पराली प्रबन्धन के विषय में कृषक भाइयों को दी विस्तृत जानकारी
 
जिलाधिकारी श्री सुजीत कुमार ने कलेक्ट्रेट परिसर में कृषि विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारम्भ एवं अवलोकन किया गया तथा सम्राट उदयन सभागार में आयोजित पराली प्रबन्धन हेतु जनपद स्तरीय जागरूकता गोष्ठी में उपस्थित ग्राम प्रधानों एवं कृषक भाइयों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पराली जलाये जाने की घटनाओं की रोकथाम हेतु शासन द्वारा शासनादेश जारी किये गये हैं। उन्होंने कृषक भाइयों से आग्रह किया कि वे पराली न जलायें। पराली जलाये जाने से कई दुष्परिणाम होते हैं। पराली जलाये जाने से आगामी दिनों में हमारी खेती को भी क्षति हो सकती है। उन्हांने उपस्थित कृषक भाइयों से आग्रह किया कि गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक द्वारा पराली प्रबन्धन हेतु दी गयी विभिन्न जानकारियों को वे अपने गांवो में अन्य किसानों को भी दें तथा उन्हें जागरूक करे कि वे भी पराली न जलायें।
जिलाधिकारी ने उपस्थित ग्राम प्रधानों से कहा कि उनके गांव में पराली जलाये जाने की घटनायें न होने पायें, वे सतर्क होकर लगातार निगरानी करते रहें तथा मना करने पर भी अगर कोई व्यक्ति पराली जलाता है तो ग्राम प्रधान इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को अवश्य दें। उन्होंने ग्राम प्रधानों से आग्रह किया कि वे लोगों को जागरूक कर पराली प्रबन्धन के विभिन तरीकों को अपनाने हेतु प्रेरित करें। 
गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक के0वी0के0 डा0 अजय सिंह ने कृषक भाइयों को पराली/कृषि अपशिष्ट जलाने से होने वाली क्षति के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि पराली/कृषि अपशिष्ट जलाने से उत्पन्न होने वाली जहरीली गैसों के कारण सामान्य वायु की गुणवत्ता में कमी आती है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। प्रदूषित वायु से आंखों में जलन एवं त्वचा रोग तथा सूक्ष्म कणों के कारण जीर्ण हृदय एवं फेफड़े की बीमारी हो जाती है। मानव स्वास्थ्य में कमी के साथ-साथ कृषि भूमि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे कृषकों के खेतों में जितना उत्पादन होना चाहिए, उतना उत्पादन नहीं हो पाता है। फसल अवशेष व पराली को जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाने के कारण मिट्टी की जल ग्रहण क्षमता घट जाती है। फसल अवशेषों में आग लगाने से कृषि भूमि में मौजूद मित्र कीट यथा-गोबरैला, मकड़ी, केंचुआ जलकर मर जाते है, जिसके कारण शत्रु कीटों यथा-सूड़ी, तना छेदक कीट आदि की अधिकता से फसल असुरक्षित हो जाती है। कृषि अपशिष्ट/पुवाल जलाने से मिट्टी में मौजूद पादक जीवांश या ह्यूमश सूख जाते हैं जिसके कारण कृषि हेतु लाभकारी जीवाणुओं का विकास रूक जाता है व कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ाने वाले अवयव कम हो जाते है। 
गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक ने कृषक भाइयां को पराली प्रबन्धन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि पराली/कृषि अपशिष्ट को फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्रों जैसे पैडी स्ट्रॉ चापर, रोटरी श्लेषर, मल्चर, सुपर सीडर के उपयोग से खेती में ही काटकर जुताई करके मिट्टी में मिलाये,ं जिससे मिट्टी में पादपों के अंश बढ़ाकर मिट्टी की उर्वरा बढ़ायी जा सके। पराली/कृषि अपशिष्ट को बेलर के मदद से बण्डल बनाकर गढ्डों मे ंडालें व डिकम्पोजर के छिड़काव अथवा 02 किग्रा0 यूरिया डालकर के पराली को सड़ाकर जैविक खाद बनायें व रासायनिक खादों के उपयोग से बच सकते है। उन्होने बताया कि फसल अवशेष वाले खेतों को गहरी जुताई करके पानी भर दें व प्रति हेक्टेयर 10 किग्रा0 यूरिया डालकर दो सप्ताह के लिए छोड़ देने पर खेतों मे ंपराली पूरी तरह से सड़कर मिट्टी में मिल जायेगी जिससे मिट्टी में ह्यूमन की मात्रा बढ़ने से प्रति हेक्टेयर उत्पादन निश्चित रूप से बढ़ेगा। कृषकगण ऐसे ही कम्बाइन हार्वेस्टर से अपने फसलों की कटाई करायें जिनमें फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्र जैसे-एस0एम0एस0, बेलर, पैडी स्ट्रा चापर, रेक आदि यन्त्र लगें हो व कटाई के समय उपयोग किया जाता हो। इस वर्ष जनपद के कृषकों हेतु वेस्ट डिकम्पोजर निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने हेतु 14 हजार बोतल मंगाई जा रही है, जिसको पराली में छिड़काव करने के 02 दिन बाद हल्की जुताई करने से पराली सड़ जायेगी।


जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक संपन्न

ठीक प्रकार से कार्य न करने वाले बी0सी0पी0एम0 के विरूद्ध कार्यवाही की जाय

 जिलाधिकारी श्री सुजीत कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यो में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए सी0एम0ओ0 को निर्देश दिये कि नोडल अधिकारी नामित कर कार्यो में प्रगति लाया जाय। उन्होने कहा कि ठीक प्रकार से कार्य न करने वाले बी0सी0पी0एम0 के विरूद्ध कार्यवाही की जाय। उन्होने जननी सुरक्षा योजना के तहत आशाओं एवं लाभार्थियें के भुगतान में प्रगति लाने के निर्देश दिये। उन्होने जननी सुरक्षा येजना (कमिटेड व्यय) में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चायल एवं कड़ा में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारी कड़ा एवं चायल को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिये। उन्होने और प्रसव केन्द्र बनाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होने नियमित टीकाकरण के तहत लगाये जाने वाले सभी टीकों की प्रगति की नियमित समीक्षा कर प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण से कोई भी बच्चा छूटने न पाये। उन्होने हेल्थ एंव वेलनेस सेन्टर के निर्माण कार्य मे आ रही समस्याओं के निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये है। उन्होने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को आशाओं एवं ए0एन0एम0 की नियमित बैठक कर सभी कार्यो में प्रगति लाने के निर्देश दिये। उन्होने सी0एम0ओ0 को निर्देश दिये कि ब्लॉक स्तर पर वे अपनी अध्यक्षता में बैठक कर प्रगति लाना सुनिश्चित करायें। उन्होने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना एवं एम्बुलेंस की स्थिति सहित अन्य कार्यक्रमों की भी विस्तृत समीक्षा की। 
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जिलाधिकारी ने डेगू एवं वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव हेतु आमजन को अधिक से अधिक जागरूक करने के दिये निर्देश

जिलाधिकारी ने विशेष संचारी रोग नियन्त्रण अभियान की बैठक में डेगू एंव वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव हेतु आमजन को अधिक से अधिक जागरूक किये जाने हेतु पम्पलेट वितरित करने एवं  स्कूलों की दीवारों पर पेन्टिंग कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आशाओं के माध्यम से आमजन को जागरूक कराया जाय तथा शासन द्वारा निर्धारित सभी गतिविधियों का आयोजन किया जाय। उन्होने डी0पी0आर0ओ0 को गांवो में झाड़ियां की कटाई एवं नालियों की साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। 
  यूपी स्टेट से मिडिया प्रभारी पवन मिश्रा की रिपोर्ट