बड़गांव में पोषण वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन -

 


बड़गांव में पोषण वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन

बालाघाट
   राणा हनुमान सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग बालाघाट एवं इफको के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज 2023 के उपलक्ष्य में पोषण वाटिका माहभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नई दिल्ली से देश के कृषि मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कृषि राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी, आई.सी.ए.आर. एवं इफको के वरिष्ठ अधिकारी के उपस्थिति में आज दिनांक 17 सितम्बर 2021 को कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गांव के सभागार में आयोजित किया गया।
   पोषण वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कृषि मंत्री द्वारा किया गया। उन्होने अपने उद्बोधन में अपने संगोष्ठी में सम्मिलित सभी को मार्गदर्शन किया। कृषि में निरंतर हो रही प्रगति, उन्नति पर प्रकाश डाला तथा कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की। माननीय प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित पोषण वाटिका एवं पोषण आहार कार्यक्रम पर जानकारी दी तथा 2023 वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनायें जाने पर सभी किसानों को बधाई दी।
   कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं डॉ. आर.एल. राऊत, उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग बालाघाट से श्री सी.आर. गौर, महिला एवं बाल विकास विभाग किरनापुर के आंगनवाड़ी सुपरवाईजर श्रीमति मंजुलता बिसेन, श्री आर.एल. सिंगमारे वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी किरनापुर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, परिवेक्षक, महिला किसान, छात्रायें एवं किसान कार्यक्रम में शामिल हुयें। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती पूजन से की गई। कार्यक्रम में 73 बालिकाओं को कोंदो की खीर एवं राजगीरा के लड्डूयुक्त पोषण आहार का आस्वादन कराया गया। पोषण महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं एवं बालिकाओं को संतुलित भोजन का महत्व एवं फायदे, इनके बारे में जागरूक किया जाना, साथ ही बच्चों में कुपोषण को रोकना तथा पोषण थाली के फायदे बताना हैं। कार्यक्रम में वृक्षारोपण एवं 1150 पौधे वितरित किये गये। जिसमें नीम, कटहल, आम, आंवला, जामुन, नींबू आदि पौध किसानों को बांटे गयें।
   कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण आहार एवं पोषण वाटिका आदि के बारे में पोषण आहार प्रदर्षनी लगायी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राऊत ने पोषण वाटिका एवं उसके प्रकार के बारे में जानकारी दी। पोषण वाटिका हर घर में होनी चाहिए एवं इसे पुरे वर्ष भर रखना चाहिए। जिससे खाने में ताजी एवं रासायनिक खाद विरहीत सब्जी भाजी मिलती रहेगी। पोषण वाटिका सिर्फ जमीन पर ही नही बल्कि पक्के मकान की छत पर भी बनायी जा सकती हैं। बेले वाले सब्जी गमले में भी लगा सकते हैं। फसल चक्र के आधार पर पोषण वाटिका में बीज लगवायें और अच्छी ताजी सब्जी भाजी खायें।
   कृषि विज्ञान केन्द्र, बालाघाट के खाद्य विषेषज्ञ डॉ. मुरलीधर इंगले ने पोषण माह का महत्व एवं इसका इतिहास एवं उद्देष्य बताते हुये ’’पोषण थाली’’ के बारे में विस्तार से बताया। पोषण थाली में कौन-कौन से घटक होते हैं। जैसे - प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट एवं फल, अंडा, मछली जैसे पदार्थों की संख्या के बारे में बताया तथा संतुलित आहार, महिलाओं, बालकों, धात्री महिलाओं एवं किषोरी बालिकाओं के लिए पोषण थाली कैसी होनी चाहिए यह बताया। तत्पष्चात केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. एस.के. जाटव, बीज विषेषज्ञ ने नई उन्नत बीज के बारे में जानकारी दीं। धान गेंहू की बहुत सी नई किस्म जो कि, प्रोटीन, जिंक, लौहयुक्त रहती हैं। जिससे कुपोषण मिटाने में सहायता मिलेगी। इसके बाद डॉ. बी.के. प्रजापति ने पोषण वाटिका में लगाने वाले पौधों की आवश्यकतानुसार क्या-क्या कार्य करना चाहिए यह बताया।
   केन्द्र के तकनीकी सहायक डॉ. रमेश अमूले ने पोषण में मशरूम का महत्व समझाते हुए इसका उत्पादन की जानकारी दी। मशरूम प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत हैं, जिससे कुपोषण मिटाने में सहायता मिलेगी। मान. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर उपस्थित बालिकाओं को पोषण आहार के रूप में कोदों की खीर, राजगिरा के लड्डू एवं मिश्रित आटे के बिस्किट खिलायें गये और कृषि विज्ञान केन्द्र एवं इफको के संयुक्त माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं महिला किसानों को पोषण वाटिका के 100 बीज कीट का वितरण किया गया साथ ही 1150 विभिन्न पौधों का वितरण किया गया। साथ ही इसकी उत्पादन एवं खेती की विधि के बारे में जानकारी दी गयी। पोषण आहार एवं संतुलित आहार के बारे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनी के माध्यम से जागरूकता करने का प्रयास किया तथा विभिन्न पौष्टिक पदार्थ बनाकर ’’संतुलित आहार की थाली’’ बनायी गयी।
   अध्यक्षीय भाषण में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आर.एल. राऊत ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन किया तथा उनके माध्यम से उनके गांवो में खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने को कहा जिससे कि किसान की आमदानी दोगुनी हो जाएं तथा पोषण आहार, संतुलित आहार के फायदे बतायें। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एस.आर. धुवारे द्वारा किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन कार्यक्रम सहायक अंजना गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम सफल बनाने में केन्द्र के श्री धर्मेन्द्र आगाशे का सराहनीय योगदान रहा। अंत में पोषण आहार की प्रतिज्ञा देकर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम समापन पश्चात कृषि विज्ञान परिसर में वृक्षारोपण का कार्यक्रम जिसमें नीम, जामुन एवं मुनगा के पौधे लगाये गयें।