गंदा दूषित पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण, खेत कि मेढ़ के सहारे लंबा रास्ता तय करके जाते हैं ढोड़ी तक, बिमारी का भी खतरा, महिलाएं सुबह से रहती हैं परेशान।
 गंदा दूषित पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण, खेत कि मेढ़ के सहारे लंबा रास्ता तय करके जाते हैं ढोड़ी तक, बिमारी का भी खतरा, महिलाएं सुबह से रहती हैं परेशान।


*बलरामपुर से सुनील कुमार की रिपोर्ट*


बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत परेवा में एक गांव ऐसा भी है जो आज भी ढोड़ी का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर है ग्राम पंचायत परेवा के दुआरी पारा के ग्रामीण लंबे समय से दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है यहां स्वच्छ पेयजल कि गंभीर समस्या है क्योंकि वहां केवल एक ही हैंडपंम है जिसका जलस्तर काफी कम है केवल बरसात के दिनों में ही 6 से 7 बाल्टी पानी निकल पाता है बाकी मौसम में उस हैंडपंप से पानी की एक बूंद भी नहीं निकलती।

मजबूरी में गंदा पानी पी रहे ग्रामीण, बिमारी संक्रमण का खतरा।

 ऐसे में ग्रामीणों को मजबूरन दूषित पानी पीना पड़ता है और सबसे बड़ी बात यह है कि दूषित पानी लेने जाने के लिए भी इन्हें खेत के मेड़ के सहारे लंबा रास्ता तय करके ढोड़ी तक पहुंचना पड़ता है इस समस्या से लगभग 50 से 60 ग्रामीण जूझ रहे हैं ग्रामीणों को बिमारी और संक्रमण का खतरा बना रहता है। 

पेयजल कि समस्या को दूर करने जनपद पंचायत कि तरफ से करेंगे हरसंभव प्रयास- CEO

शंकरगढ़ जनपद पंचायत के CEO प्रमोद सिंह ने कहा कि वहां कि भौगोलिक स्थिति के कारण पानी कि समस्या है क्योंकि उस इलाके का भूमिगत जलस्तर बहुत नीचे है।
15वें वित्त कि राशि का उपयोग करके क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल कि समस्या दूर करने जनपद पंचायत कि तरफ से हरसंभव प्रयास किया जाएगा।

अब देखना होगा कि खबर प्रकाशित किए जाने के बाद शासन प्रशासन इन ग्रामीणों की समस्या दूर कर पाती है