बैतूल/सारनी। कैलाश पाटील
संस्कार भारती ललित कलाओं के माध्यम से राष्ट्र चेतना का जागरण कर रहीं हैं। " सा कला या विमुक्तये अर्थात कला वह है जो बुराइयों के बंधन को काट कर मुक्ति प्रदान करे " उक्त विचार संस्कार भारती के संयुक्त साधारण सभा में मोतीलाल कुशवाह प्रांतीय सह महामंत्री ने व्यक्त किये। इस के पूर्व नटराज पूजन मोतीलाल कुशवाह, अंबादास सूने, श्याम टेकपुरे, वीआर वाघमोडे द्वारा किया गया। संस्कार भारती का ध्येय गीत सामुहिक रूप से गानकर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। इसके बाद बैतुल एवं सारनी ईकाई के प्रतिवेदन प्रस्तुत किये। बैतुल की मातृशक्ति प्रमुख अश्विनी बारपेटे भोपाल से संस्कार भारती के कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से उपस्थित रही एवं सुंदर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी । द्वितीय सत्र में आगामी वर्ष के लिए नयी कार्य समिति का निर्वाचन हुआ । अध्यक्ष अंबादास सूने, कार्यकारी अध्यक्ष श्यामराव म्हस्की, उपाध्यक्ष प्रोफेसर हेमंत देशपांडे, दीपक वर्मा, लक्ष्मण धोटे, महामंत्री जितेन्द्र सिंह, सह महामंत्री यश कुशवाह, मंत्री पुष्पलता बारंगे, अमित सलाम, योगेन्द्र ठाकुर, प्रवीण धुर्वे, कोष प्रमुख मनीष शर्मा, सह कोष प्रमुख संतोष प्रजापति। इसके अतिरिक्त आठ विधा प्रमुख भी बनाये गये हैं । संगीत विधा प्रमुख पुरषोत्तम वर्मा, अश्विनी बारपेटे । साहित्य विधा प्रमुख राघवेंद्र सिसोदिया भू-अलंकरण विधा प्रमुख कल्पना सोनी ।पुरातत्व विधा प्रमुख मनीष सिंह चौहान।चित्रकला विधा प्रमुख श्याम टेकपुरे, दृश्य एवं शृवय आई टी सेल विधा प्रमुख प्रताप धुर्वे । लोक कला विधा प्रमुख आर आर उइके को आगामी वर्ष के लिए दायित्व दिया गया है । कार्यक्रम का कुशल संचालन अश्विनी बारपेटे एवं आभार उत्तम ठाकरे ने प्रकट किया ।