किसान संगठनों के 27 सितंबर के भारत बंद का समर्थन करेंगे 10 प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठन।

 किसान संगठनों के 27 सितंबर के भारत बंद का समर्थन करेंगे 10 प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठन।



बैतूल/सारनी। कैलाश पाटील


देश के 10 सबसे बड़े केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर के भारत बंद का समर्थन करने का ऐलान किया है। मंगलवार को इन्‍होंने एक साझा बयान जारी कर कहा, 'सभी 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेता और कार्यकर्ता भारत बंद के दौरान देशभर में प्रदर्शन करेंगे। डॉ मोदी ने विज्ञप्ति जारी कर उन बिंदुओं पर ही प्रकाश डालने का प्रयास किया है  जो मजदूर और किसानों  की समस्याओं से गहरे रूप से संबंधित है। 


1.  यह कि भारत सरकार के द्वारा 2020 के जून एवं सितंबर महीनों तक देश के मजदूरों एवं किसानों के विरुद्ध बर्बर हमला करते हुए पुराने श्रम कानूनों को बदलकर देसी एवं विदेशी  इजारेदारी उद्योगपतियों के हित रक्षक फोर लेबर कोड एवं 3 काले कृषि कानूनों को संसद में बहुमत  का दुरुपयोग करते हुए बिना चर्चा कराए हुए जबरिया पास करा कर एक तरफ तो किसानों को जमीन छीन कर उन्हें भूमिहीन बनाने एवं अपने ही जमीन पर बंधुआ मजदूर बनकर रहने के लिए विवश कर देगी वहीं दूसरी ओर मजदूरों को  कारखाना मालिकों के पास आधुनिक गुलाम बना देगा।


2. तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने एवं कृषि पैदावार का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी  कानून बनाने के लिए देश के  करोड़ों अन्नदाता किसान भाई बहनों द्वारा पिछले 9 महीनों से अधिक समय से निरंतर आंदोलन जारी है और अब किसान आंदोलन जो आयाम धारण करते हुए दिखाई दे रहा है उसका ताजा उदाहरण 5 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों के महापंचायत में शामिल होने के लिए देश भर से पहुंचे लाखों लाख किसानों के सैलाब से मोदी और योगी सरकार हिल रही है । 5 सितंबर से किसानों की महापंचायत ने 27 सितंबर को भारत बंद करने का आवाहन किया है जिसका समर्थन 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के द्वारा जिसमें एटक भी शामिल है।


3. श्रम विरोधी चार श्रम संहिता के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों स्वतंत्र यूनियनों एवं कर्मचारी महासंघ ओं का संयुक्त मंच के नेतृत्व में देश  का मजदूर वर्ग लगातार आंदोलनरत है।


डॉ मोदी ने कहा है कि कोविड-19 के नियमों के पालन करते हुए 27 सितंबर को भारत बंद में सक्रिय हिस्सेदारी सुनिश्चित करें हमारे पास अभी पर्याप्त समय भी है ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के घटक संगठनों के साथ मिलकर कार्यक्रम बनाएं जहां कहीं पर भी  संयुक्त कार्यक्रम संभव ना हो वहां पर स्वतंत्र रूप से एटक की ओर से कार्यक्रम आयोजित करना सुनिश्चित करे।