*बाड़मेर के परेऊ धाम, जरखेश्वर धुणा व शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़*
*शिवालयों में गूंजे महादेव के जयकारे, श्रद्धालुओं ने मांगी बारिश की मन्नत*
वागाराम बोस
परेऊ में सावन के अंतिम सोमवार को शहर सहित जिले भर के सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतार थी। भोलेनाथ के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठे थे। सावन का अंतिम सोमवार भी भले ही बिन बारिश रहा, लेकिन शिवालयों में भक्ति की धारा बहती रही। अब चूंकि पूरे जिले में ही इस बार अच्छी बारिश नहीं हुई है, इसलिए शिवालयों में पहुंचे श्रद्धालुओं ने शिव की आराधना कर उनसे बारिश की मन्नत भी मांगी।
सावन के अंतिम सोमवार को परेऊ धाम, जरखेश्वर धुणा कुपलिया, मलवा महादेव मंदिर समेत स्थानीय मंदिरों में रुद्रभिषेक, जलाभिषेक किया गया। मंदिरों में अच्छी बारिश की के लिए भी पूजन किया गया। महिलाओं व युवतियों ने व्रत रखकर मन्नत मांगीं। विशेष पूजा व शिवलिंग पर जलाभिषेक व दूध चढ़ाने वाले भक्तों की कतार लगी रहीं।
*देर शाम तक उतड़ती रहे भक्त*
सुबह से शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा। मंदिरों में पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने खुशहाली की कामना की। जसेदर धाम में दिनभर मेला जैसा माहौल रहा। वहीं परेऊ मठ में भी भक्तों की भीड़ रही। महिलाओं व युवतियों ने व्रत रखकर मन्नत मांगीं। विशेष पूजा व शिवलिंग पर जलाभिषेक व दूध चढ़ाने वाले भक्तों की कतारें लगी रहीं। परेऊ स्थित दादश ज्योतिर्लिंग शिव मंदिर व गुलाब भारती जी की समाधि मठ परेऊ में श्रद्धालु सुबह से शिव भगवान के दर्शन के लिए सीढ़ियों से चढ़ रहे थे दोपहर होते-होते श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखने को मिली तो शाम होते ही फिर श्रद्धालुओं की कतारे लगनी शुरू हो गई।
*मंदिरों में गूंजे महादेव के जयकारे*
सावन के अंतिम सोमवार शिवालयों में दिनभर हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। इसी प्रकार गिड़ा क्षेत्र के कुपलिया में स्थित जरखेश्वर गुलाब भारती जी धुणा महादेव मंदिर में भी सावन के अंतिम सोमवार को भक्तों ने भगवान भोले का दर्शन-पूजन किया। शिवालयों में सुबह से ही हर हर महादेव का उद्घोष होता रहा।
*सबसे प्राचीन मठ परेऊ*
परेऊ कस्बे में स्थित गुलाब भारती की समाधि व दादश ज्योतिर्लिंग शिव मंदिर में सावन के अंतिम सोमवार पर भक्तों ने जलाभिषेक कर भगवान शिव की अराधना की। सबसे प्राचीन परेऊ मठ शिव मंदिर मे शिवलिंग पर जलाभिषेक किया गया। जलाभिषेक के बाद महाआरती का आयोजन किया गया। परेऊ कस्बे सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों भक्तों ने सवेरे से ही शिवालय में पहुंचकर भोलेनाथ के दर्शन किए।