चमोली उत्तराखंड
बिना गोल्डन कार्ड बनें ही मासिक पेंशन से स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए कटौतियां तों शुरू कर दी गई हैं। किंतु पेंशनर्स बिन गोल्डन कार्ड के अपना एवं अपने परिजनों का स्वास्थ्य उपचार कैसे करेंगे। पेंशनरों की समझ में नही आ रहा हैं।
सरकार के द्वारा कर्मचारियों सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को स्वास्थ्य उपचार के लिए पिछले साल से गोल्डन कार्ड के बनाना शुरू किया हैं। गोल्डन कार्ड योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशनरों की पेंशन से एक तय राशि प्रति माह काटने का प्राविधान है इसके तहत कर्मचारियों एवं पेंशनरों के बकाया गोल्डन कार्ड बना कर जारी किए गए हैं।इस तहसील क्षेत्र में भी सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों एवं पेंशनरों के गोल्डन कार्ड बना कर उन्हें निर्गत किए गए हैं।इस संबंध में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डीपीएस रावत एवं सेवानिवृत्त व्यायाम शिक्षक महिपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि इसी वर्ष मार्च से थराली तहसील क्षेत्र के सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन से स्वास्थ्य परीक्षण के लिए प्रति माह धनराशि तों काटी जा रही हैं। परंतु कई पेंशनरों के गोल्डन कार्ड अभी तक भी नही बन पाएं हैं। जिससे अस्वस्थता की स्थिति में बिना गोल्डन कार्ड धारक अपना उपचार कर पाएंगे उनकी समझ में नही आ पा रहा हैं। बताया कि पिछले वर्ष गोल्डन कार्ड बनाने के लिए एक कंपनी के द्वारा विशेष शिविर लगा कर कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड बनाएं थें। किंतु कार्ड बनाने से वंचित रह गए लोगों के लिए अब तक भी शिविर नही लगाएं गए। उन्होंने प्रशासन से गोल्डन कार्ड बनाने से वंचित रह गए कर्मचारियों एवं पेंशनरों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाने की मांग की हैं।