थराली चमोली। प्रभारी प्रधानाचार्यों ने सरकार से प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के सभी पदों पर पदोन्नति देने की मांग की है।
थराली चमोली। प्रभारी प्रधानाचार्यों ने सरकार से प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के सभी पदों पर पदोन्नति देने की मांग की है।                                रिपोर्ट केशर सिंह नेगी
प्रभारी प्रधानाचार्य संगठन के प्रदेश संयोजक रमेश देवराडी ने कहा कि उत्तराखंड के अधिकतर हाईस्कूल एवं इंटरकालेज में प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के पद रिक्त पड़े हैं।और उनका दायित्व वरिष्ठ शिक्षक निभा रहे हैं। प्रधानाचार्य के पद का दायित्व निभा रहे प्रभारी प्रधानाचार्यों पर अतिरिक्त कार्यबोझ बढ रहा है।कहा कि अधिकतर विद्यालयों में लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी के पद भी रिक्त हैं, ऐसे में अपने विषय की जिम्मेदारी के साथ प्रभारी प्रधानाचार्यों को इन से संबंधित कार्यों को भी देखना पडता है।बताया कि प्रदेश में रिक्त प्रधानाचार्य के 1069 तथा प्रधानाध्यापकों के 637 पदों पर शीध्र पदोन्नति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग व सरकार को पूर्ववर्ती सरकार की तरह प्रधानाध्यापक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर प्रधानाचार्य पदों की काऊंसलिंग एक साथ की जाए।जैसे2016 में प्रवक्ता पद से प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति और साथ में प्रधानाचार्य पदों की काऊंसलिंग एक साथ हुई थी।और एक माह प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य करने के तत्काल बाद उन्हें प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त किया गया था इससे कम समय में प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य दोनों पदों पर नियुक्ति एक साथ हो गयी थी, क्योंकि प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति के लिए पांच से अधिक वर्ष लग जाते है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्यों के पदों पर नई नियुक्ति नहीं होती है, तब तक प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में कार्य कर रहे शिक्षकों को  समान कार्य का समान वेतन, आहरण-वितरण के अधिकार के साथ साथ अन्य लाभ दिए जांए। कहा कि यदि सरकार ने समय रहते फैसला न लिया तो प्रभारी प्रधानाचार्य सामूहिक रूप से पद त्याग देंगे।