जिले में नये-अधूरे आवास निर्माणों को पूरा करने ठेका कम्पनी दे रियायत दरों पर रेत-यादव
होशंगाबाद - प्रदेश में एनजीटी के रेत खदानों पर 30 जून को प्रतिबन्ध के बाद जिले की नर्मदा तवा की सभी खदानों को बंद किये जाने से जिले के गरीब-मध्यम परिवारों को रेत की बढ़ी रायल्टी चुकाकर रेत खरीद पाना संभव नहीं होने पर नागरिक अधिकार जनससमया निराकरण कमेटी के अध्यक्ष आत्माराम यादव ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के यहॉ आवेदन देकर एक प्रति कलेक्टर को भी उपलब्ध कराकर मॉग की है कि ऐसी परिस्थितियों में जहॉ जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण] अन्वेशण व विधिमान्य नियमों के अर्न्तगत निगरानी उपरांत भी खदानों से सरेआम स्थानीय लोग 150 फिट रेत लाकर 2 हजार के स्थान पर कमती मात्रा में 100 फिट रेत 4 हजार में बेच रहे हो तब नगरपालिका होशंगाबाद सहित जिले के प्रधानमंत्री योजना के स्वीकृत आवासों के निर्माण के लिये खदानों के निशुल्क रेत लाने की छूट दी जाये अथवा रेत ठेका कम्पनी के स्टाक से रियायत पर रेत उपलब्ध करायी जाये नागरिक अधिकार जनससमया निराकरण कमेटी के अध्यक्ष श्री यादव के अनुसार जिले में आर.के.टी.सी रेत ठेका कम्पनी छत्तीसगढ़ ने तवा एवं नर्मदा का दिल चीरकर जेबीसी एवं पोक मशीन से सभी रेत खदानों का जमकर दोहन कर विभिन्न जगहों पर अनुमानित 10 -15 लाख घनमीटर रेत का बम्फर-असीमित एक साल तक खत्म न होने वाला स्टाक किया है तथा प्रतिबन्ध के बाद 1 जुलाई से खदानों के किये गये स्टाक से गुरू प्राणनाथ डायमंड प्रायवेट लिमिट सागर को मालगाड़ी से पहली खेप में 3800 टन रेत 58 डब्बों में भरकर अपने व्यापार को अंजाम दिया है , स्पष्ट है जिलेवासियों का निवाला छीनकर अंधी प्रतिस्पर्धा का आगाज किया है जबकि नर्मदा-तवा की रेत पर स्थानीय नागरिकों का पहला अधिकार बनता है ताकि वे अपने नये एवं अधूरे आवास निर्माणों की जरूरतों को पूरा कर सके। श्री यादव ने पत्र में लिखा है कि एनजीटी प्रतिबन्ध के बाबजूद रेत ठेका कम्पनी और स्थानीय डम्फर एसोसियेषन के लोगों ने रेत की कीमतों में अथाह वृद्धि कर 22 दिन पूर्व 2 हजार रूपये की 150 फुट एक टाली अब 4 हजार रूपये में कर 50 फिट रेत की कटोती कर 100 फिट दी जा रही है तथा परिवहनकर्ताओं द्वारा पहले से किए गए अपने अवैध स्टाकों-रेत खदानों से सरेआम बेची जा रही है वहीं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की विधानसभा बुदनी में यही 1 टाली रेत 12 सौ से 15 सौ में 150 फिट रेत सहज उपलब्ध है। राजकीय कोष में वर्ष 2007-08 में 937 रूपये प्रति डम्फर रायल्टी थी जो 12 सालों बाद बढ़कर वर्ष 2021 में 12500 रुपए हो गयी है किन्तु रायल्टी की इस आय से नगरपालिका-पंचायतों को मिलने वाले करोड़ों रूपये के उपकर को शासनस्तर पर 3-4 सालों से भुगतान नहीं किया गया है। एनजीटी के प्रतिबन्ध के बाद कम्पनी के स्टाक से यही रायल्टी 15 हजार से अधिक में होने से स्थानीय लोगों को 30 हजार रूपये प्रति डम्फर तक रेत स्थानीय रेत-गिटटी सप्लायरों द्वारा बेची जा रही है जबकि खदानों से सरेआम रेत उपलब्ध कराने वाले स्थानीय कारोबारी के की बजाय खनिजों के संरक्षण व निगरानी कर कार्यवाही करने वाले अधिकारियों को यह छूट जिले के नये-अधूरे आवास निर्माण करने वाले गरीब मध्यम वर्ग के लोगों के साथ नगरपालिका होशंगाबाद मेँ प्रधानमंत्री आवास योजना के स्वीकृत 1165 आवासों को यह रियायत देना ठीक होगा ताकि वे शोषण का शिकार न हो सके।