बराड़ा(जयबीर राणा थंबड़)
प्रदेश की भाजपा सरकार भले ही 72 घंटे में गेहूं की खरीद का भुगतान करने का दावा कर रही हो,लेकिन खरीद एजेंसियों की लापरवाही और मनमानी के कारण सरकार के दावे फेल हो गए हैं,हालात ये हैं कि 72 घंटे तो दूर कुछ किसानो का तो दो माह के अधिक समय बीत जाने के बाद भी गेहूं की फ़सल का भुगतान नही हो पाया है औऱ आढ़तियों को भी उनकी आढ़त अभी तक नही मिल पाई है, कोरोना महामारी के दौर में किसान व आढ़ती अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं,लेकिन किसानों की कही कोई सुनवाई नही हो रही हैं यह बात मुलाना विधायक वरूण चौधरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।उन्होंने कहा कि दो माह के ज्यादा समय बीत जाने के बाद न तो अब तक आढ़तियों का कमीशन मिला है और न ही कुछ किसानों की फसल का भुगतान हो पाया है जो किसानो व व्यापारियों के साथ धोखा है।आढ़तियों की गेहूं खरीद का लगभग 400 करोड़ रुपये कमीशन सरकार की तरफ आज तक बकाया है आढ़ती मंडी व्यवस्था का अहम हिस्सा हैं वें गेहूं खरीद,उसकी सफाई,भराई और सिलाई से लेकर उठान तक काम करते हैं इसके बाद भी आढ़त को कम कर उसका भी भुगतान न करना यह सरकार की किसानों और आढ़तियों के प्रति सोच को दर्शाता है।विधायक ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं,देश का पेट भरने के साथ महामारी के इस दौर में अर्थव्यस्था का पूरा भार भी उनके कंधों पर आ गया है,साथ ही उन्हें एक साथ महामारी, मौसम, महंगाई, सरकारी बदइंतजामी का भी सामना करना पड़ रहा है।फ़सल भुगतान नहीं होने पर किसानों को चिंता सताने लगी है कि वह अगली फसल कैसे लगाएंगे।विधायक ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द किसानों की गेँहू की फ़सल व आढ़तियों की कमीशन का भुगतान करे और अपने वायदे के अनुरूप उन्हें ब्याज की भी अदायगी करे।