तालाबों और जोहड़ो पर हो रहे अवैध कब्जों के मामले पर कार्रवाई हेतू एसडीएम के आदेशों पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व ग्राम सचिव की ढुलमुल कार्रवाई बनी चर्चा का विषय
सीएम विंडो पर शिकायत पर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
गांववासियों ने बनाया गृहमंत्री से गुहार लगाने का मन
बराड़ा, (जयबीर राणा थंबड़)। उपमंडल के गांव थंबड़ में तालाबों और जोहड़ो पर हो रहे अवैध कब्जों की बार बार शिकायतें के बावजूद भी खंड विकास अधिकारी और ग्राम सचिव द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने की मिल रही शिकायतों के आधार पर उपमंडल अधिकारी गिरिश कुमार चावला ने कड़ा ऐतराज जताते हुए इस मामले पर संज्ञान लिया और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को त्वरित कार्रवाई कर अवैध कब्जों को हटवाने के आदेश जारी कर दिये थे। पत्राचार के माध्यम से उपमंडल अधिकारी गिरिश कुमार चावला ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को
थंबड़ में 3-4 तालाबों और जोहड़ों पर अवैध कब्जे का मामले में केस दायर करने, पैरवी करने और अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। परन्तु खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व ग्राम सचिव द्वारा अवैध कब्जों छुड़वाने के संदर्भ में कोई कार्रवाई न किए जाने से गांववासी क्षुब्ध हैं और अधिकारियों की ढुलमुल कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। तालाबों और जोहड़ो से अवैध कब्जे हटवाने के लिए शिकायतकर्ता प्रवीण राणा ने सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज कराई है, परन्तु यहां भी अभी निराशा ही हाथ लगी है। शिकायतकर्ता प्रवीण राणा व गांववासियों ने एकजुट होकर अवैध कब्जों को हटवाने की इस मुहिम में गृहमंत्री अनिल विज से गुहार लगाने का मन बना लिया है और शीघ्र ही प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज से मिलकर उन्हें तालाबों और जोहड़ो पर हो रहे अवैध कब्जों को हटवाने संबंधी ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बता दें, हरियाणा में गांव दर गांव तालाब और जोहड़ों पर हो रहे अवैध कब्जे भविष्य के लिए खतरा साबित हो गए हैं। अवैध कब्जों के कारण जिस प्रकार से गंदे पानी की निकासी बाधित हो रही है तो निश्चित है कि आने वाले कुछ वर्षों बाद झगड़ों का कारण गंदे पानी की निकासी होगा। हालांकि गांवों के तालाबों और जोहड़ों से अवैध कब्जे हटाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों के डीसी नोटिस भेज रहे हैं परंतु निष्पक्ष कार्रवाई को लेकर जनता में संशय बना हुआ है। इन सब गतिविधियों में ग्राम सचिवों की कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। गांव थंबड़ से एक शिकायतकर्ता की मानें तो अधिकारियों के मूक समर्थन से अवैध कब्जाधारियों के हौंसले बुलंद हैं और वे सरेआम गांव के तालाबों और जोहड़ों पर गांववासियों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद भी कब्जा किए जा रहे हैं।
गांववासी प्रवीण राणा ने बताया कि गांव के तालाबों और जोहड़ो पर हो रहे अवैध कब्जों के खिलाफ उन्होंने ग्राम सचिव फकीर चंद, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उपमंडल अधिकारी सहित पंचायत विभाग हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार से भी गांव के तालाबों और जोहड़ो से अवैध कब्जे हटाने की गुहार लगाई है, परंतु बार बार की शिकायतों के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इस संदर्भ में जब हमारे संवाददाता ने ग्राम सचिव फकीर चंद से बात करनी चाही तो उन्होंने कोई तसल्ली बख्श जवाब नहीं दिया और फोन पर बात करना भी बंद कर दिया। इतना ही नहीं अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए जाने के बावजूद भी गृरा सचिव फकीर चंद गांव थंबड़ में कब्जा हटवाने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि शिकायतकर्ता प्रवीण राणा के अनुसार ग्राम सचिव फकीर चंद ने बिना मौका का मुआयना किये ही अपनी रिपोर्ट में यह लिख दिया कि गांव थंबड़ में किसी तालाब या जोहड़ों पर कोई कब्जा नहीं हुआ है। फकीरचंद को बार-बार फोन करके हो रहे अवैध कब्जों व निर्माण के बारे में बताया जा रहा है मगर फकीर चंद टालमटोल करता रहा और अभी तक दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह प्रतीत होता है कि इस ढुलमुल रवैया व हो रहे अतिक्रमण में फकीर चंद बराबर का दोषी है। शिकायतकर्ता
प्रवीण राणा ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि यदि सरकार और प्रशासन का तालाबों और जोहड़ो पर हुए अवैध कब्जों की मुक्ति का यही रवैया रहा तो तालाबों और जोहड़ो से अवैध कब्जे हट पाना मुश्किल ही है।
चर्चा का विषय है कि आखिर यह अवैध कब्जे से प्रदेश के तालाब कब मुक्त होंगे? सूचना है कि हरियाणा में जल्द ही तालाब कब्जा मुक्त होने होंगे और लुप्त हो रहे तालाबों को भी संजीवनी मिलेगी। इसके लिए हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण ने काम शुरू कर दिया है। प्राधिकरण की ओर से प्रदेश भर में 18113 तालाबों की पहचान कर ली गई है मगर तालाबों के जीर्णोद्धार से पहले से सबसे बड़ी चुनौती अवैध कब्जा है जिसे हटवाने में प्राधिकरण को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि तालाबों पर कच्चे अवैध कब्जे को प्राधिकरण हटा रहे हैं तो पक्के कब्जे को हटाने के लिए उपायुक्त के माध्यम से नोटिस भेजे जा रहे हैं।
प्रदेश में तालाबों का डिजिटल तकनीक से जीर्णोद्धार किया जा रहा है। पहले तालाब के चारों किनारो का सर्वे किया जाता है उसके बाद मृदा सैंपल लिए जाते हैं और यह जांच की जाती है कि भूमि में पानी को सोखने की कितनी क्षमता है। इसके साथ ही लुप्त हो चुके तालाबों को भी प्राधिकरण द्वारा चिन्हित किया जा रहा है। जिला स्तर पर डीपीएमओ (जिला तालाब निगरानी अधिकारी) की कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में सिंचाई विभाग के एसई तथा पंचायती राज विभाग से एक्सइएन शामिल है। तालाब की ओर से सभी जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन गांवों में तालाब लुप्त हो चुके हैं उनकी सूची दी जाएगी और उन्हें चिन्हित किया जाएगा। तालाब प्राधिकरण तकनीकी सलाहकार की मानें तो प्राधिकरण की ओर से तालाबों के जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है। जहां पर कब्जे हैं उन्हें हटाया जा रहा है।
उपमंडल बराड़ा के गांव थंबड़ तालाबों व जोहड़ो पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर गांववासियों द्वारा प्रशासन से कई बार जोहड़ों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की गुहार लगाई गई है परंतु नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है। जब इस विषय में ग्राम सचिव फकीर चंद ने बात की गई तो उन्होंने जोहड़ों पर पक्के अवैध कब्जों की मुक्ति कराने बारे की गई किसी भी कार्रवाई के बारे में बताना उचित नहीं समझा।
बुद्धिजीवियों में इस बात को लेकर गहरा रोष है कि प्रशासन के ढुलमुल रवैया के कारण हरियाणा का तालाबों को अवैध कब्जों से मुक्ति हो पाना लगभग असंभव ही है और यदि ऐसा होता है तो आखिर कब यह तालाब अवैध कब्जों से मुक्त होंगे?