अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध सप्ताह के अंतर्गत बराडा पुलिस व प्रयास समाज सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध सप्ताह के अंतर्गत बराडा पुलिस व प्रयास समाज सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम
 में  युवाओ को नशे की बुराई के बारे में जागरूक किया।
बराड़ा(जयबीर राणा थंबड़)
कार्यक्रम में  एस एच ओ बराड़ा 
शैलेन्द्र श्योराण मुख्य अतिथि के रूप में व समाजसेवी सरदार हरजिंदर सिंह विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समाजसेवी संतोष गोयल जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। 
प्रयास प्रवक्ता सतीश गर्ग ने मंच
संचालन किया।
 अपने अपने भाषण में वक्ताओं ने  बताया गया कैसे नशा, नाश कर देता है, इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर में उपस्थित बराड़ा थाना प्रभारी ने भी युवाओ को जागरूक किया व् उन्हें नशे के खिलाफ शपथ दिलवाई। प्रयास महिला कोऑर्डिनेटर डॉ इंदु विज ने अपने भाषण में कहा कि मादक पदार्थों व नशीली वस्तुओं के निवारण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर, 1987 को प्रस्ताव  पारित कर हर वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस मानाने का निर्णय लिया। उसके उपरांत हर वर्ष यह कार्यक्रम एक तरह से नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ पीड़ितों के उपचार के दिशा में भी पहल है। महिला ब्लॉक अध्यक्ष मोनिका कालड़ा ने कहा कि बच्चे  ‘‘स्वास्थ्य के बारे में सोचें, नशे को न कहें" उन्होंने कहा कि आज 12 वर्ष की आयु के बच्चे भी छोटी मोटी पार्टियों में ड्रिंक लेना व अन्य तरह का नशा करना अपना स्टेटस सिंबल या शान समझते हैं जबकि बच्चों को इस लत से दूर रहना चाहिए मां बाप द्वारा दिए गए संस्कारों का अनुसरण करते हुए भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसने नशा अपनाया उसने जानवर जहान गवाया इसलिए हमें अपने बच्चों के साथ साथ अपने आस-पड़ोस पर भी पैनी नजर रखनी होगी ताकि नशे के कारोबारी  देश के भविष्य युवा को इसकी गिरफ्त में ना ले सकें। कार्यक्रम के अध्यक्ष समाजसेवी संतोष गोयल जी ने अपने भाषण में जहां युवाओं को नशे से दूर रखने का संदेश दिया वही बड़े बुजुर्गों को अपने बच्चों के टाइम टेबल रहन-सहन खान-पान पर विशेष ध्यान देने का आग्रह करते हुए कहा कि बच्चों के बड़े होते ही मां-बाप का फर्ज देते हो और बढ़ जाता है उन्हें बच्चे की व्यवहार रहन-सहन पर खास नजर रखनी चाहिए यदि कोई व्यक्ति आपसे आपके बच्चे के बारे में किसी प्रकार की शिकायत करता है तो उस पर आगबबूला होने की बजाय बच्चे की हरकतों पर नजर रख उसे समझाया जाना चाहिए ताकि वह गलत रास्ते पर ना चल सके इसके लिए पहल परिवार जनों को करनी होगी विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित समाजसेवी सरदार हरविंदर सिंह ने कहा कि आज का युवा तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहा है : मादक पदार्थो की लत आज के युवाओं में तेजी से फैल रही है. कई बार फैशन में या दोस्तों के उकसावे पर लिये गये ये मादक पदार्थ अक्सर जानलेवा होते हैं. कुछ तो फेविकोल, तरल इरेजर, पेट्रोल की गंध से आकर्षित होते हैं.कई बार आयोडेक्स, वोलिनी जैसी दवाओं को सूंघकर इसका आनंद उठाते हैं. इन्हें ब्रेड पर लगाकर खाने के भी उदहारण देखे गये हैं. मजाक-मजाक में और जिज्ञासा वश किये गये ये प्रयोग कब कोरेक्स, कोदेन, ऐल्प्राजोलम, अल्प्राक्स, कैनेबिस जैसे दवाओं को भी घेरे में ले लेते हैं, पता ही नहीं चलता। प्रयास संस्थान के वरिष्ठ सदस्य सरदार चंचल सिंह ने कहा कि घर के सदस्यों को भी देखा देखी  पड़ती है आदत : कई बार तो बच्चे घर के ही सदस्यों से ही नशे की आदत सीखते हैं. उन्हें लगता है कि जो बड़े कर रहे हैं, वह ठीक है और फिर वे भी घर में ही चोरी शुरू कर देते हैं. चिकित्सकीय आधार पर देखें तो अफीम, हेरोइन, चरस, कोकीन, स्मैक जैसे मादक पदार्थों से व्यक्ति वास्तव में अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है. ये उत्तेजना लाने वाले पदार्थ हैं, जिनकी लत में व्यक्ति अपराध तक कर बैठता है. मामला सिर्फ स्वास्थ्य से नहीं, अपितु अपराध से भी जुड़ा है. जीवन अनमोल है, इसलिए नशा को ना-ना-ना कहे युवा वर्ग  नशे को अपनी शान समझते है। शराब, गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट का  नशा  करते है।आजकल  युवा वर्ग  और कई व्यस्क लोग भी सिगरेट या शराब का सेवन करते हुए नज़र आते है। उन्हें यह समझ नहीं आता की यह उनके लिए आगे चलकर हानिकारक और जानलेवा साबित हो सकती है। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बराड़ा थाना प्रभारी शैलेंद्र श्योराण ने कहा कि चोरी से लेकर अपराध की दुनिया तक नशे का बहुत अहम रोल है क्योंकि नशे मैं व्यक्ति ठीक कर रहा है या गलत  उसे इसकी समझ नहीं होती इसलिए अपराध का सबसे बड़ा एक कारण नशा भी माना जाता है युवा वर्ग आज नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। इसका एक कारण है सहनशक्ति की कमी। युवा आजकल बहुत जल्दी अपना हौसला खो देते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि वे डिप्रेशन में चले जाते है और फिर वे नशे की गिरफ्त में फंस जाते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को हालात से लडऩा सिखाएं और उन्हें मजबूत बनाएं।
इस मौके पर बराड़ा थाना से कपिल देव, राकेश कुमार, राजीव कुमार, प्रयास
प्रधान विशाल सिंगला,उपप्रधान
कुलदीप गुप्ता,महिला कोर्डिनेटर
डाक्टर इंदु विज,ब्लाक बराडा
महिला प्रधान मोनिका कालड़ा,
कुसुम चौहान,नीरू शर्मा,
वरिष्ठ सदस्य जांगबिर राणा,राजीव गोयल,
धीरज कुमार,विजय शर्मा,अमन गर्ग,अक्षय गर्ग,चंचल सिंह,मदन गोपाल,राम सैनी,दिलबाग दहिया,
दीपक राणा, गौरव गर्ग,शिखर गुप्ता,सुनील भराड़ा,रिंकु प्रधान,पवन राणा,मुकेश मित्तल
सचिन कालड़ा वह कब काफी संख्या में युवा साथी
उपस्थित रहे।
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