अम्बाला(जयबीर राणा थंबड़)
मीरी -पीरी के मालिक साहिब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का प्रकाश पुरब गुरुद्धारा बउली साहिब (मंजी साहिब) अम्बाला शहर मे बड़ी ही श्रद्धा व पयार से मनाया गया। सुबह भाई हीरा सिंह हजूरी रागी व कुलवंत सिंह ने गुरबाणी कीर्तन द्धारा संगतो को निहाल किया व बाद मे ढाडी दरबार सजाया गया जिसमे गुरचरण सिंह बी. ए. , सतनाम सिंह बल व अमर सिंह अनखी , व अमरीक सिंह जनेतपूर के जतथो ने संगतो को गुरु इतिहास से जोड़ा ।इस मौके पर बोलते हुए हरपाल सिंह मछौंडा मैंबर एस. जी. पी. सी. अम्बाला ने बताया कि साहिब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश 19 जून 1595 को गुरु की वडाली अमरितसर साहिब मे गुरु अरजन देव जी के घर हुआ। पिता गुरु अरजन देव जी की शहीदी के बाद गुरु जी ने अकाल तख्त की साजना की व दो किरपाने मीरी व पीरी की पहनी। मछौंडा ने आगे बताया कि गुरु जी 1621 मे गवालियर जाते हुए गुरुद्धारा बउली साहिब (मंजी साहिब) अम्बाला शहर मे रूके, यहां की संगत ने पानी की किल्लत बताई जिस पर गुरु जी ने एक जगह पर टक लगा कर बउली की खुदाई के लिए कहा जहां आज भी बउली उस समय से संगतों के लिए मीठा जल दे रही है। गवालियर के किले से वापिस आते हुए भी गुरु जी इस सथान पर रूके। मछौंडा ने आगे बताया कि कार सेवा वाले बाबे.बाबा हरबंस सिंह, बाबा बचन सिंह बाबा महिनदर सिंह द्धारा गुरुद्धारा मंजी साहिब मे नये लंगर हाल की इमारत लगभग तैयार है, हाईवे की तरफ गेट गुरुद्धारा मंजी साहिब, लंगर हाल गुरुद्धारा बादशाही बाग व लंगर हाल गुरुद्धारा गोबिन्दपुरा साहिब. के उसारी जल्द ही शुरू हो जाएगी।
आज मुख्य तौर पर रणबीर सिंह फौजी, सतनाम सिंह हैड ग्रंथी बउली साहिब (मंजी साहिब) अम्बाला शहर व मैनेजर कुलदीप सिंह , एम. एम. सिंह, सुखदेव सिंह गोबिंदगढ़, संत सिंह कंधारी, चरनजीत सिंह टककर, तरलोचन सिंह बलाना, गुरदर्शन सिंह बलाना, रविन्द्र सिंह सोनू, बलजीत सिंह साहनी व काफी संख्या मे शहर की संगत मौजूद थे