कोरोना महामारी में प्रदेश की जनता राम भरोसे, सरकार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह फेल : अनिल नांदल
भारतीय किसान यूनियन अंबावता प्रदेश अध्यक्ष बोले, शहर व ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति बद से बदतर, कालाबाजारी चरम सीमा पर
सरकार कर रही है लोगों को गुमराह, बेड, दवाईयां व आक्सीजन के साथ साथ चिकित्सकों की भी बढ़ानी चाहिए संख्या
डीजल व पेट्रोल के दामों में वृद्धि को लेकर भी दी प्रतिक्रिया, बोले, महामारी में लोगों को राहत देने की बजाए, कमर तोडऩे पर लगी सरकार
केन्द्र सरकार से किसान संगठनों को नहीं मिला कोई निमंत्रण, तीन कृषि कानून वापिस नहीं होने तक किसान आंदोलन रहेगा जारी
मंडियों में गेहूं खरीद न होने से किसान परेशान, दो दिन में किसानों की बकाया पेमेंट व गेहूं खरीद नहीं हुआ तो किसान मंडियों में धरना करेगे शुरू
अम्बाला(जयबीर राणा थंबड़) 10 मई। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल ने कोरोना महामारी के दौरान लगातार हो रही शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मौत को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि महामारी के इस समय में प्रदेश की जनता पूरी तरह से राम भरोसे है, क्योकि प्रदेश सरकार लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के हालात तो बद से बदतर हो चुके है, क्योकि वहां पर न तो लोगों को दवाईयां उपलब्ध हो रही है और न ही कोई चिकित्सक मिल रहे है, जबकि सरकार बार बार दावा कर रही है कि प्रदेश में कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के इंतजामों में पुख्ता प्रबंध किए जा रहे है, लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरित है। उन्होंने कहा कि आठ हजार की आबादी वाले गांव में केवल मात्र 23 कोरोना वैक्सीन भेजने के दावे सरकार की पोल खोल रहे है, जबकि गांव में न तो कोई अस्पताल है और न ही कोई चिकित्सक है। कोरोना महामारी की चपेट में सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी जान गवा रहे है और यह सब कुछ सरकार को पता होते हुए भी, इस और चुप्पी साधे हुए है, जोकि बडे शर्म की बात है। भारतीय किसान यूनियन अंबावता प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल सोमवार को पत्रकारो से बातचीत कर रहे थे। डीजल व पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी और कहा कि सरकार का काम लोगों को राहत पहुंचाने का होता है, लेकिन यह पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि एक तरफ तो लोग महामारी में अपनी जान बचाने के लिए लड़ रहे है, वहीं सरकार पेट्रोलियम पदार्थो में बेहताशा वृद्धि कर रही है। सरकार को महामारी में लोगों को राहत देनी चाहिए, लेकिन सरकार आम जन की कमर तोडऩे पर लगी है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मंडियों में भी गेहूं की खरीद नहीं होने से किसान परेशान है और अभी भी किसानों को बकाया भुगतान भी नहीं किया गया है। अनिल नांदल ने चेताया कि अगर सरकार ने दो दिन में मंडियों में गेहूं खरीद शुरू नहीं की और किसानों की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया तो किसान मंडियों में धरना शुरू कर देगे। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि पिछले पांच महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन कर रहे है, लेकिन अभी तक सरकार द्वारा किसान संगठनों को कोई भी वार्ता का निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए तरह तरह के षडयंत्र रच रही है, लेकिन जब तक यह तीन कृषि काले कानून वापिस नहीं हो जाते है किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और सरकार के किसी भी षडयंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। ं