पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंन्त्री माननीय महेंद्र सिंह सिसोदिया
 पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंन्त्री माननीय महेंद्र सिंह सिसोदिया  ने आगे आकर पंचायत सचिव संगठन एवम सहायक सचिव संगठन के पदाधिकारियों की ACS ग्रामीण विकास विभाग एवम संचालक पंचायत राज से अपनी मौजदूगी में VC में  कराई चर्चा, दोनो संगठन माननीय पंचायत मंन्त्री जी का आभार व्यक्त करते हैं।


दोनो संगठनों का संयुक्त निर्णय विभाग से स्पस्टीकरण/सरलीकरण/संसोधन आदेश/निर्देश जारी होने तक प्रदेश भर के पंचायत सचिव एवम सहायक सचिव रहेंगे अपने परिवार के साथ घर पर  "कोरोना योद्धा नही तो काम नही"।


आज दिनाँक 10 मई 2021 से प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी कोरोना योद्धा के अलग -अलग उलझे आदेशों के कारण निर्मित हुई भ्रामक स्थिति के कारण एवम प्रदेश में कई जिलो में कलेक्टरों के द्वारा कोरोना योद्धा के आदेश निरस्त करने के कारण तथा कई जिलो में कलेक्टरों द्वारा कोरोना योद्धा के आदेश ही प्रसारित नही करने के कारण ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिव,सहायक सचिव समेत विभाग के अन्य अमले में अपने परिवार की चिंता को लेकर भय एवम चिंता का माहौल बन गया है, विगत 05 दिनों में प्रदेश भर से ज्ञापन देने के बाद भी विभाग के द्वारा कोई लिखित आश्वासन अथवा कोरोना योद्धा में शामिल होने के संबंध में स्पस्ट आदेश/पत्र जारी नही किया गया है, जिसके कारण हम काम बंद कलम बंद हड़ताल करने पर मजबूर हैं।

पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा एवं रोजगार सहायक /सहायक सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रोशनसिंह परमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि आज माननीय पंचायत मंत्री महोदय द्वारा शाम 4:00 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एसीएस महोदय एवम संचालक पंचायत राज से अपनी मौजूदगी में हमारी चर्चा कराई एसीएस महोदय एवं आयुक्त महोदय ने सितंबर 2020 के आदेश एवं उसके नवीनीकरण आदेश 10 अप्रैल 2021 का हवाला देकर कहा कि प्रदेशभर के समस्त कर्मचारी चाहे ग्राम पंचायत का चपरासी या भृत्य क्यों ना हो जो कोरोना संक्रमण के दौरान काम कर रहा है इस आदेश के तहत कोरोना योद्धा मान्य होगा बाकी अन्य आदेश जो बाद में जारी किए गए या कलेक्टर ने जारी किए थे उनकी आवश्यकता नहीं थी इसीलिए उन्हें निरस्त किया गया है।


दोनों संगठनों ने बीसी उपरांत आपस में चर्चा तथा प्रदेश भर से पदाधिकारियों से विचार-विमर्श उपरांत निर्णय लिया है कि यदि ऐसा है तो पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौखिक रूप से ना कहकर इस विषय को पत्र के माध्यम से कहें क्योंकि दमोह जिले में एक पटवारी साहिबान की कोविड-19 ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने के तीन दिवस के भीतर सहायता राशि पचास लाख  रुपए उनकी पत्नी को स्वीकृत करके दे दी गई जबकि प्रदेशभर से लगभग 40 पंचायत सचिव एवं सहायक सचिव कोविड-19 में ड्यूटी करते हुए दिवंगत हुए हैं जिसमें से एक का भी प्रकरण स्वीकृत नहीं हुआ है, प्रदेश के पंचायत सचिव एवं सहायक सचिव में यह प्रश्न है कि यदि हम पात्र हैं, हमारे विभाग के अधिकारी कर्मचारी पात्र हैं तो हमारा विभाग स्पष्ट नाम लेकर आदेश जारी क्यों नहीं करता है जब शासन स्तर से जारी आदेश में हम सभी पात्रता रखते हैं तो कलेक्टरों से आदेश निरस्त क्यों कराए जा रहे हैं ऐसा कभी तो हो नहीं सकता कि एक ही व्यक्ति को दो बार सहायता राशि जारी कर दी जाए इन सभी प्रश्नों एवम उनके भ्रामक जवाब से प्रदेशभर के सचिव/ सहायक सचिव एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्य अमले में भय एवं चिंता का माहौल है।

 माननीय पंचायत मंत्री जी एवं अपर मुख्य सचिव महोदय ने VC में कहा कि इस वर्ष कोरोनावायरस ग्रामीण क्षेत्रो में अत्यधिक फैला किंतु पंचायत सचिव/ रोजगार सहायक एवं विभाग के अन्य कर्मचारियों के निडरतापूर्वक परिश्रम के कारण कई गांव कोरोनावायरस से मुक्त हो गए है अब रेडजोन में नहीं है, हम दोनों संगठन संयुक्त रूप से अपील करते हैं कि आप यदि हमें वास्तव में कोविड-19 की इस भयंकर माहमारी के बीच हमारे परिश्रम से प्रभावित हैं, हमारी तरह आपको भी हमारे परिवार की चिंता है तो यथाशीघ्र विभाग से एक स्पस्टीकरण पत्र संशोधन आदेश अथवा निर्देश ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिव/सहायक सचिव, ग्राम पंचायत में काम कर रहे भृत्य, चपरासी, लेखापाल एवं विभाग के अन्य अमले को कोरोना योद्धा में शामिल होने संबंधी जारी करने का कष्ट करें आपके स्पष्ट पत्र जारी होते ही हम दुगनी ऊर्जा के साथ काम पर लग जाएंगे और कोविड-19 को प्रदेश के सभी 56,000 ग्रामों से खदेड़ कर ही दम लेंगे।