कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर बना होशंगाबाद मॉडल
465 गांवो में कोरोना ने नहीं दी दस्तक, 366 गांव संक्रमण से हुए मुक्त
शेष 56 गांवों में एरिया स्पेसिफिक रणनीति के तहत तेजी से अभियान जारी
होशंगाबाद, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए होशंगाबाद जिला प्रशासन द्वारा बनाया गया त्रिस्तरीय मॉडल काफी कारगर साबित हुआ है। जिससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोक लगाना संभव हुआ है बल्कि मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत होने से पॉजिटिव रेट घटने के साथ साथ स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा अपनाई गई प्रभावी रणनीति का नतीजा है कि जिले के 887 गांवों में से 465 गांवो में कोरोना ने दस्तक ही नहीं दी। कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए 422 गांवों में से 366 गांव कोरोना से मुक्त हो चुके हैं, शेष बचे 56 गांवों में एरिया स्पेसिफिक रणनीति के तहत तेजी से अभियान चलाया जाकर सघन सर्वे एवं मेडिकल किट का वितरण किया जा रहा है।
पॉजिटिविटी रेट में तेजी से कमी, रिकवरी रेट में वृद्धि
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से पॉजिटिविटी रेट तेजी से घटने लगी हैं वहीं स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में पॉजिटिविटी रेट 3.3 प्रतिशत एवं रिकवरी रेट 92.2 हो गई है। जिले के सभी विकासखंडों में 2022 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आए है, जिनमें 1866 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। जिले में कोविड मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा समुचित प्रबंध किए गए है।
जिला, ब्लॉक व ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बनाया मजबूत
त्रिस्तरीय मॉडल के तहत कोविड संक्रमित मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही त्वरित और बेहतर उपचार मिल सके इसके लिए कलेक्टर श्री धनंजय सिंह द्वारा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थित का आकलन कर मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्वसुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर बनाएं गए,जिसमें ना केवल बेड की समुचित व्यवस्था की गई बल्कि उपचार के लिए जरूरी ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं व अन्य संसाधनों आपूर्ति बनाई गई। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लगातार सघन मॉनिटरिंग की जा रही हैं।
बेड्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि
पूर्व में जिले में संस्थाओं में लगभग 150 बेड्स की उपलब्धता थी, प्रशासन के समेकित प्रयासों से जिसको बढ़ाया जाकर 22 संस्थाओ जिनमें 14 सरकारी एवं 08 प्राइवेट में कुल 1095 बेड्स (835 सरकारी एवं 260 प्राइवेट बेड्स) की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।
421 ग्राम पंचायतों में क्वारंटाइन सेंटर बनाएं गए
ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से आए नागरिकों तथा ऐसे कोविड मरीज जिनके घर में होम आइसोलेशन के लिए पर्याप्त व्यवस्था व स्थान नही है, उनके के लिए जिले के सभी 421 ग्राम पंचायतों के शासकीय भवनों व पंचायत भवनों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में क्वारंटाइन के लिए 5 से 10 बेड्स की व्यवस्था की गई हैं, वहां भोजन, नाश्ता, चिकित्सा सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
बनाएं गए 403 माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन
अधिक संक्रमण वाले ग्रामीण क्षेत्रो में प्रशासन द्वारा तत्परतापूर्वक कार्रवाई कर 403 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाएं गए हैं। संक्रमण की स्थिति के आधार पर रेड जोन और ऑरेंज जोन में बांटा गया हैं। इन क्षेत्रों में सर्विलांस टीम द्वारा कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में 74 माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन सक्रिय हैं।
किल कोरोना अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन
जिले में सर्दी, खांसी, बुखार एवं संभावित कोविड मरीजों की पहचान एवं उन्हें तुरंत मेडिकल किट उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किल कोरोना अभियान का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया गया। प्रशासन द्वारा तत्परतापूर्वक कार्रवाई कर घर-घर सर्वे एवं मेडिकल किट के वितरण के लिए सभी ग्रामों में दो दल गठित किए गए हैं। जहां एक तरफ पहले दल में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका की सम्मिलित टीम द्वारा डोर टू डोर सर्दी, खासी, बुखार के लक्षणों वाले रोगियों का चिन्हांकन किया गया, वहीं गठित दूसरे दल द्वारा जिसमें आशा सहयोगिनी, एएनएम ,सी एच ओ, सुपरवाइजर, पंचायत सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की टीम द्वारा पहले दल द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर कोविड-19 के संभावित रोगियों को घर-घर मेडिकल किट का वितरण किया गया, उल्लेखनीय है कि अभी तक 2022 मरीजों को मेडिकल किट वितरित की जा चुकी हैं। जिले में 25 मई से किल कोरोना -4 अभियान संचालित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य संसाधनों का बेहतर मैनेजमेंट
कोरोना के बढ़ते संक्रमण एवं संसाधनों की सीमितता को देखते हुए प्रशासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग एवं प्रबंधन किया गया। जिससे न केवल जीवनरक्षक ओषधियों व अन्य संसाधनों की कालाबाजारी पर प्रभावी रोक लगाई गई बल्कि दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों के लिए इन संसाधनों की सुलभ आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
सघन जन जागृति अभियान
कोविड-19 से सुरक्षा के लिए कलेक्टर श्री धनंजय सिंह के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सघन जन जागृति अभियान चलाया गया। राजस्व एवं जनपद के मैदानी अमले द्वारा ग्रामीणों को मुनादी, मार्गो एवं प्रमुख स्थानों पर दीवार लेखन एवं पलेक्स बेनर आदि के माध्यम से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों तथा कोरोना कपर्यू का पालन करने के लिए जागरूक किया गया।
युद्ध स्तर पर सैनिटाईजेशन जारी
जिले के शहरी क्षेत्रों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सैनिटाइजेशन कार्य किया जा रहा है, पंचायत के सफाई कर्मियों द्वारा ग्रामों के स्वास्थ्य केंद्रों, सार्वजनिक भवनों एवं विभिन्न वार्डो में व्यापक स्तर पर सैनिटाइजेशन कार्य सतत जारी है।
स्वप्रेरणा से जनता कर्फ्यू का पालन
जिले में कोरोना संक्रमण के प्रति ग्रामीणों द्वारा भी पूरी सजगता एवं सतर्कता बरती गई।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि जिले में 421 ग्राम पंचायतों के 886 ग्रामों में ग्रामीणों द्वारा स्व प्रेरणा से जनता कर्फ्यू का पालन का संकल्प लिया है। ग्रामीणों द्वारा ग्राम के प्रवेश मार्गों की सीमाओं को सील कर रोका टोकी एवं पहरेदारी की जा रहीं हैं। ग्रामीणों द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन के लिए संकल्प पत्र भी भरा गया। ग्रामीणों ने संकल्प लिया है कि अत्यावश्यक परिस्थितियों को छोड़कर अपने ग्राम से बाहर नहीं जाएंगे तथा अपने ग्राम की स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता जिसमें बार-बार हाथों को साबुन से धोने, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने आदि कोरोना गाइडलाइन का पालन करेंगे।