कोरोना काल में कुपोषित बच्चों व हितग्राहियों का रखा जा रहा है विशेष ध्यान
होशंगाबाद । जिले में कोरोना संक्रमण काल में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा न केवल आंगनवाड़ी सेवाओं से संबंधित हितग्राही जिनमें 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों, गर्भवती / धात्री माताओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर टेक होम राशन (टीएचआर) वितरित किया जा रहा है बल्कि 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को रेडी टू ईट के रूप में सत्तू / लडडू का वितरण भी किया जा रहा है।
कोरोना काल में बच्चों के पोषण स्तर की विशेष देखभाल के लिए शासन द्वारा चलाये जा रहे आई एम ए एम (गंभीर कुपोषित बच्चों का एकीकृत प्रबंधन) कार्यक्रम अंतर्गत जिले में चिन्हित सैम (गंभीर कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आवश्यक दवाईयाँ वितरित की जा रही है तथा विभाग द्वारा अतिरिक्त टी०एच०आर० भी प्रदाय किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृहभेंट के दौरान कुपोषित बच्चों के माता-पिता को आवश्यक समझाईश पोषण परामर्श व काउन्सलिंग भी की जा रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग होशंगाबाद श्री ललित डेहरिया ने बताया कि आई एम ए एम(गंभीर कुपोषित बच्चों का एकीकृत प्रबंधन कार्यक्रम का क्रियान्वयन माह सितम्बर 2020 से किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जिले में अब तक 5 वर्ष तक के कुल 93485 बच्चों में से 6424 मध्यम कुपोषित बच्चे तथा 1109 गंभीर कुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये थे। चिन्हित 6424 मध्यम कुपोषित बच्चों में 4222 बच्चे सामान्य वजन में आ गये हैं।
कुपोषण से सुपोषण की ओर बढ़ते कदम
विकासखंड सिवनीमालवा अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र वार्ड 4-1 निवासी जाहिद खान की पुत्री जुनेरा खान का वजन कम होने पर गंभीर कुपोषण की श्रेणी में चिन्हित किया गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किरण तिवारी, सहायिका अमृता शिवपुरे द्वारा पर्यवेक्षक अस्मा खान द्वारा निरंतर गृहभेंट कर माता-पिता को आवश्यक समझाईश दी गई व 25 फरवरी 2021 को पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराया गया व 6 मार्च 2021 को डिस्चार्ज किया गया। आई एम ए एम कार्यक्रम अंतर्गत निर्धारित 05 प्रकार की दवाईयाँ व अतिरिक्त टी०एच०आर० भी प्रदान किया गया। प्रति सप्ताह गृहभेंट कर दवाईयॉ एवं टी०एच०आर० के उपयोग की मॉनीटरिंग भी की गई। परिणामस्वरूप बालिका जुनेरा खान का माह मई 2021 में 7.900 कि०ग्रा० वजन हो गया व वह सामान्य श्रेणी में आ गई है। वर्तमान में बालिका पूरी तरह स्वस्थ है।
इसी तरह विकासखंड पिपरिया अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र ग्राम पचुआ निवासी बसंत मिर्धा की पुत्री कामना वजन 4600 किलोग्राम होने पर गंभीर कुपोषण की श्रेणी में चिन्हित किया गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमिला चौधरी, सहायिका शर्मिला ठाकुर , पर्यवेक्षक मंजूला जैन द्वारा निरंतर गृहभेंट कर बालिका के माता पिता को आवश्यक समझाईश दी गई व बालिका कामना को एन०आर०सी० (पोषण पुर्नवास केन्द्र) में भर्ती कराया गया। आई एम ए एम कार्यक्रम अंतर्गत् निर्धारित 05 प्रकार की दवाईयाँ व अतिरिक्त टी०एच०आर० भी प्रदान किया गया। प्रति सप्ताह गृहभेंट कर दवाईयाँ एवं टी०एच०आर० के उपयोग की मॉनीटरिंग की गई। परिणामस्वरूप बालिका कामना का माह मई-2021 में 7.600 कि०ग्रा० वजन हो गया व वह सामान्य श्रेणी में आ गई है।