होश्ंागाबाद:- ( योगेश सिंह राजपूत ) कोरोना संक्रमण की दोहरी मार और मध्यमवर्गीय व्यापारियों पर पडने वाली है। बढ़ते संक्रमण के कारण सरकार ने कोरोना कर्फ्यू लगा रखा है जिससे जन हानि ना हो सभी सुरक्षित रहे । वह दूसरी तरफ मेडिकल इमरजेंसी सर्विस की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद कर दी गई हैं। लेकिन इन व्यापारियों पर बिजली कंपनी के फिक्स चार्ज का मीटर पूरी तरह घूम रहा है। सूत्रो के मुताबिक संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश में पूरे मई कर्फ्यू जारी रह सकता है। ऐसी स्थिति में सरकार व्यापारियों से बंद कारोबार में भी बिजली बिल में फिक्स चार्ज वसूल करेगी। 15 अप्रैल से बाजार बंद हैं। लेकिन अप्रैल के जो बिल जारी होने वाले हैं उनमें बिजली कंपनी द्वारा फिक्स चार्ज लगाया जा रहा है।
सरकार ने पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान भी बिजली कंपनी ने फिक्स चार्ज मेडीयम व्यापारीयो पर लगाये थे। हर बिल पर कम से कम 1 हजार की होगी वसूली बिजली कंपनी द्वारा कॉमर्शियल कनेक्शनों में एक किलोवाट लोड पर महीने की 20 यूनिट बिजली की कीमत (अभी की दर से 10 रुपए प्रति यूनिट) फिक्स चार्ज के तौर पर बिल में वसूलती है। जानकारों के अनुसार कॉमर्शियल कनेक्शन 5 किलोवाट से कम का नहीं होता। ऐसी स्थिति में हर बिल में कम से कम एक हजार रुपए का फिक्स चार्ज जोड़ा जाएगा। जिसे अदा न करने पर जुर्माना भी लगेगा। इस तरह, जिनके पास जितना ज्यादा लोड स्वीकृत होगा। उस व्यापारी को उतना ज्यादा फिक्स चार्ज देना होगा। कोरोना कफ्र्यू के कारण 15 अप्रैल से शहर में अस्पताल और मेडिकल सर्विस से जुड़ी दुकानें ही खुल रही हैं। दूध व मेडीकल की दुकानको के लिए अनुमति है और इनके यहां न ज्यादा बिजली की खपत होती है न ये ज्यादा लोड लेते हैं। लेकिन मॉल, कपड़ा, ज्वैलर्स, बर्तन, मोबाइल, बिजली स्टोर, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर एवं शोरूम और कई तरह के बड़े स्टोर ऐसे स्थान हैं। जहां बड़े लोड के साथ कनेक्शन लिए जाते हैं। उनका व्यापार भी बंद है और उन्हें बिजली कंपनी को फिक्स चार्ज भी बड़ी रकम में ही देना होगा। आखिर मध्यवर्गीय व्यापारी चारो तरफ से उसी का मरण है कोई देखने सुनने वाला नही है आखिर बिजली के बिलो को फिक्स चार्ज से मुक्त किये जाने हेतु व्यापारीयो ने आग्रह किया है ? देखना है कि क्या होता है ? या फिर बिल जमा करना होगा ?