विद्युत विभाग को *मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण* योजना में शामिल करने की मांग
सरकार चेहरा देखकर तिलक लगा रही है
होशंगाबाद ---- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेडिकल स्टाफ , सफाई कर्मी , पुलिस विभाग ओर हाल ही में पत्रकारिता जगत को भी फ्रंट लाइन का मानते हुये कोविड - 19 की सुविधाये दी जा रही है । बिजली विभाग से भेदभाव क्यो ? मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फार एमपलाइज एंड इंजीनियर्स के प्रान्तीय संयोजक वी के एस परिहार ने बताया मध्यप्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित लगभग 350 विद्युत अधिकारी कर्मचारी वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं । जिले में पांच विद्युत कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है, लगभग तीन हजार से अधिक पूरे मध्यप्रदेश में विद्युत अधिकारी कर्मचारी आउटसोर्सिंग श्रमिक कोविड-19 बीमारी से संक्रमित है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को फोरम ने 8 अप्रेल पत्र लिखकर बिजली कर्मचारी एवं अधिकारीयो को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन की मांग की गई थी । जिस पर ऊर्जा मंत्री के द्वारा 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री को बिजली कर्मचारियों को प्राथमिकता से वैक्सीन लगाने के लिए मांग की गई थी जिस पर सरकार का अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है लेकिन अभी तक सरकार ने बिजली विभाग को फ्रंट लाइन का दर्जा नहीं दिया गया है । क्षेत्रीय सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने जिला कलेक्टर को बिजली कंपनियों में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना लागू करने के लिए कलेक्टर को पत्र भी लिखा है एवं पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बिजली कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर योजना में शामिल किया जाए पत्र लिखा है । संगठन के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया सरकार ने बिजली कंपनियों मैं विद्युत अधिकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं दिया तो आगामी समय में प्रदेश और जिले की विद्युत व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार एवं प्रबंधन की होगी।