मध्य प्रदेश में तो किसान ने नाराज होकर सड़कों और नहरों में फेंक रहे टमाटर
मध्य प्रदेश में तो किसान ने नाराज होकर सड़कों और नहरों में फेंक रहे टमाटर
होषंगाबाद / बाडी रायसेन - सड़कों और नहरों में फेंक रहे टमाटर, जो कीमत मिल रही उससे किसानों की लागत तक नहीं निकल पा रही टमाटर की कीमत न मिलने से किसान परेशान हैं। मध्य प्रदेश में तो किसान ने नाराज होकर उपज सड़क पर ही फेंक दिया टमाटर की सही कीमत न मिलने से मध्य प्रदेश के रायसेन में किसान ने टमाटर सड़क पर फेंक दिया। किसान सुरेन्द्र तिवारी ने बताया कि इस साल 4 एकड़ में टमाटर की फसल लगाई है। टमाटर की फसल अच्छी है, लेकिन जो रेट सोचा था नहीं मिल रहा। फसल लगाने में डेढ़ लाख रुपए का खर्चा भी आया। लगा था कि चार से पांच लाख रुपए का व्यापार हो जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। यह कहना है 48 वर्षीय सुरेंद्र तिवारी का। सुरेंद्र मध्य प्रदेश के जिला रायसेन की तहसील बाड़ी में रहते हैं। वे बताते हैं कि टमाटर खरीदने वाले व्यापारी नहीं आ रहे हैं। मंडियों में गाड़ियां खड़ी हैं कोई माल उतारने को तैयार नहीं है। लॉकडाउन का माहौल बन रहा है तो सब नुकसान में चल रहा है। इसलिए मैंने एक अप्रैल को टमाटर फेंक दिया, जो कीमत मिल रही थी उससे किराया तक नहीं निकल पा रहा था। रायसेन जिले को एक जिला-एक उत्पाद योजना के अंतर्गत टमाटर के लिए चुना गया है। इसके बाद किसानों ने यहां टमाटर की जमकर खेती की, लेकिन दाम न मिलने से अब किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि मौजूदा समय में एक कैरेट (22 किलो) का रेट 40 से 50 रुपए मिल रहा है। मतलब टमाटर की कीमत किसानों को डेढ़ से दो रुपए प्रति किलो मिल रही है। इससे नाराज किसान टमाटर सड़क, नाली और नहर में फेंक रहे हैं।