गृह जनपद या बाहर कराएं जांच तो अपना सही और साफ-साफ पता लिखवाएं
जौनपुर, 13 अप्रैल 2021
जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डॉ आईएन तिवारी ने कोरोना के लक्षण वाले/बिना लक्षण वाले मरीजों से जांच कराते समय अपना सही मोबाइल नम्बर, स्पष्ट पता लिखवाने की अपील की है | ताकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं पहुंचाने में आसानी हो और उन्हें निगरानी में रखा जा सके । उन्होने कहा कि पिछले वर्ष (अप्रैल) एक दिन ही 100 से ज्यादा लोग कोविड पॉजिटिव चिह्नित किए गए थे जबकि इस बार प्रति दिन 200 के लगभग लोग जांच में कोविड पॉजिटिव निकल रहे हैं। इसलिए लोग अपने घरों में रहें और बहुत जरूरी हो तब ही घरों से बाहर निकलें। ज्यादा लोगों के सम्पर्क में आने से संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।
महामारी रोग विशेषज्ञ (इपीडिमियोलाजिस्ट) डॉ जिया-उल-हक ने कहा कि पिछली बार के अभियान से इस बार लोग ज्यादा जागरूक हुए हैं। इस बार लक्षण वाले रोगी खुद ही जांच कराने के लिए आ रहे हैं जिन्हें खांसी, बुखार, दस्त, स्वाद व गंध का पता न चलने की समस्या आ रही है, वह खुद ही जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं। कभी-कभी ऐसा भी देखने को आया है कि जिन्हें एक-दो दिन ही बुखार आया, वह भी कोविड-19 की जांच कराने के लिए पहुंच गए।
उन्होने कहा कि जांच कराते समय मरीज या उनके परिजन थोड़ी सी लापरवाही कर स्वास्थ्य विभाग के लिए समस्या पैदा कर दे रहे हैं। जांच कराते समय कुछ लोग ऐसे मोबाइल नम्बर लिखा दे रहे हैं, जिसमें इनकमिंग कॉल की सुविधा ही नहीं है। इससे उन्हें खोजना संभव नहीं हो पा रहा है। कुछ लोगों का निवास कहीं और है लेकिन कोविड जांच के दौरान ऐसा पता लिखवा दिया कि खोजे नहीं मिल रहे हैं। इससे सर्विलांस टीम को बहुत दिक्कत आ रही है। ऐसा स्थानीय मरीज ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में रहने वाले भी कर रहे हैं। जौनपुर के कुछ लोगों ने वाराणसी के वाराणसी हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू), लाल पैथ लैब, अपेक्स हॉस्पिटल, हेरिटेज हॉस्पिटल में जांच कराई है लेकिन वहां पर सही पता नहीं लिखाया है। इससे उन्हें खोजने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ जिया-उल-हक बताते हैं कि इस समय बड़ी संख्या में दिल्ली, गुजरात आदि स्थानों के प्रवासी लोग अपने घर लौट रहे हैं। ऐसे लोगों तथा वहां के प्रधान से सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्हें लग रहा है कि यदि वह कोविड पॉजिटिव निकल आए तो चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे। वहीं प्रधान भी उनसे वोट पाने के लालच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे रोगी अपना मोबाइल स्विच आफ कर दे रहे हैं जबकि प्रधान उनका पता नहीं लगवा रहे हैं। ऐसे लोगों से अपील है कि वह अपने घर पर ही आइसोलेट रहें। इससे उनके घर और समाज के लोगों में कोविड-19 का संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा।