प्रशासनिक नियंत्रण में जीवनरक्षक रेमडेसिविर, फिर कैसे कालाबाजारी संभव
प्रशासनिक नियंत्रण में जीवनरक्षक रेमडेसिविर, फिर कैसे कालाबाजारी संभव 

होश्ंागाबाद:- ( योगेश सिंह राजपूत ):- होश्ंागाबाद बाद ही नही पूरे मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी प्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रही है। आखिर इसकी किल्लत और अवैध बिक्री के कई मामले सामने आये राज्य शासन ने स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण में सप्लाई करने की व्यवस्था की है। मगर इसके बावजूद भी अवैध कारोबार बंद नही हुआ। सूत्रो के अनुसार इस स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही औषधि प्रशासन विभाग की मिलीभगत होने की पूर्ण आशंका समझ में रही है। कोरोना संक्रमण को कम करने व मरीजों की जान बचाने के लिए रेमडेसिविर की मांग प्रदेश के साथ ही शहर में भी बढ़ गई है। लोगो को अपनों की जान बचाने के लिए दवाई को महंगे से मंहगे दामों में भी खरीदने के लिए लाचार मजबूर हैं। इसकी परेशानी को सामने नजर आते देख शासन ने दवा सप्लाई करने का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। विभाग के द्वारा कोविड अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग व औषधि प्रशासन विभाग की निगरानी में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। आखिर स्पष्ट है कि इस स्थिति में इंजेक्शन की कालाबाजारी में विभाग के अधिकारी-कर्मचारी या फिर अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत हो सकती है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इंजेक्शन निश्चित मात्रा में दी जा रही है। ऐसे में किसी के हाथ में इंजेक्शन आसानी से नहीं पहुंच सकता। बावजूद इसके शहर में रेमडेसिविर की जमकर कालाबाजारी हो रही है। बीते दिनों भोपाल इंदौर में पकड़े गए आरोपितो से पूछताछ कर पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश की। लेकिन इस गंभीर मामले में स्वास्थ्य विभाग व औषधि प्रशासन विभाग की भूमिका को देखकर पुलिस ने भी हाथ खींच लिया है। हमारे जिले में औषधि प्रशासन विभाग आखिर अन्य उपयोगी समानो व दवाईयो की काली बाजारी भी नही रोक पा रही है। आखिर विभाग कुभंकरण की नीद क्यो सो रहा है ? क्या दूसरा पहलू दोनो हाथो से रात दिन चाॅदी काटी जा रही है। 
विभाग के अधिकारी कर्मचारी कोरोना कोरोना कह कर घर पर बैठे है ? वही बाजार में खुला लूटमारी का खेल चल रहा है ? आखिर प्रशासन इन अधिकारीयो पर कार्यवाही क्यो नही करती है ?