होश्ंागाबाद:- जहाॅ एक ओर आदमी कारोनो काल में परेशान है ।कोरोना संक्रमण ने होश्ंागाबाद में दोबारा पांव पसार लिया है। रोजाना कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या में बढ़ रही है। संक्रमण दर इस कदर बेकाबू होते जा रहा है कि रोजआना जिले में नए नए मरीज निकल कर सामने आ रहे है। । मरीजों की संख्या बढ़ने का अस्पतालों पर दवाब भी बढ़ चुका है। वहीं एंबुलेंस की डिमांड भी काफी तेजी से बढ़ी है। एंबुलेंस की व्यवस्था में मरीजों के जेब ढ़ीले हो रहे हैं। निजी एंबुलेंस के लिए कोई तय किराया नहीं रखा गया है। अपने हिसाब से मरीजों से मनमानी वसूली जारी है। शहर में भी एंबुलेंस की डिमांड बढ़ गई है। मरीजों को अस्पताल ले जाना हो या मृत कोरोना संक्रमित के शव को शमशान घाट तक पहुंचाना, प्राइवेट एंबुलेस सेवा लेने पर मनमानी राशि देना पड़ता है। मजबूरी में आदमी उसका विरोध भी नही कर पा रहा है। तहसील से जिले के अंदर अस्पताल तक लेकर जाने के लिए पांच से सात हजार तो दूसरे शहरों भोपाल तक ले जाने के लिए मरीजों के स्वजनों से 8 से 10 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। मरीज के बिगड़ते हालात और आक्सीजन की उपलब्धता को सोचकर स्वजनों को मजबूरी में ये अधिक रुपये देने पड़ते हैं। लोगों ने इसकी शिकायत भी नही कर पा रहे है। आरटीओ इस ओर ध्यान देवे और सख्त कार्रवाई करे । इस कष्ट भरे दौर में मनमानी वसूली पर लोगों के द्वारा शिकायत भी नही कि जा रही है और शिकायत में कहा हो इसकी जानकारी भी नही हे। निजी एंबुलेंस मनमाना किराया वसूल करते हैं। वहीं एंबुलेंस कोरोना मरीजों को सही समय पर सेवा नहीं दे पा रही है। कई एंबुलेंसों की हालत भी खास्ता है। आरटीओ को सख्त कार्यवाही करते हुये शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही निजी एंबुलेंस का संचालन किया जाए, मनमाने ढंग से वसूली पर सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए और इन एंबूलेंसो में रेट लिस्ट एवं क्या क्या सुविधा मुहिया होगी चस्पा हमेशा रहनी चाहिए। और मनमाने ढंग से वसूली पर खख्त कार्यवाही करना चाहिए।
कष्ट भरे दौर में निजी एंबुलेंस मनमानी वसूली पर हो रोक लगाने में आरटीओ फेल