कोरोना में अंतिम संस्कार करने वाले किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं
होश्ंागाबाद:- (योगेश सिंह राजपूत ):- शहर में कोरोना महामारी संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण कई लोग संक्रमित हो गये है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए पूरे जिले में पूरे प्रदेश में लाकडाउन लगा दिया गया है। लेकिन उसके बाद भी कोरोना संक्रमण रूकने का नाम नही ले रहा है। कोरोना की जंग हराने वाले दम तोड़ रहे हैं। कोरोना मरीज के मरने के बाद में परिजन को मृत शरीर से हाथ नहीं लगाने के आदेश है जिससे बीमारी और ना बढे जिसके चलते नगर प्रशासन की गाडी से श्मशान घाट पर कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करने के लिए खुद ही साथ लेकर आते है। ये लोग किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं हैं। उन्हे अपने घर परिवार की चिंता किए वगैर श्मशान घाट पर लोगो का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर रहे सोनू ने बताया कि संकट की घड़ी में यदि हम किसी के काम आ सकें तो इससे बड़ा उपकार भला और क्या हो सकता है। सोनू ने बताया कि वर्तमान में एक दिन में करीब 1000 कोरोना के मरीज आ रहे हैं। कोरोना से एक दिन में करीब 8-10 मौत रोजाना जिले में हो रही है। कोरोना की वजह से श्मशान घाट की संख्या बढ़ा दी गई है। राजघाट और खर्रा घाट उसके बाद अन्य जगह भी रोजना करीब शवो का अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट आ रहे हैं। कोरोना संक्रमित से मरने वालों को उनके परिजन तक कंधा देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शव का अंतिम संस्कार करना खतरे से कम नहीं है। वह सुबह आठ से शाम सात बजे तक ड्यूटी दे रहे हैं। घर जाने पर बच्चों से सात से आठ फीट दूरी बनाकर रखते है। खाना भी परिवार वालों के साथ नहीं खा पा रहे हैं। लेकिन मन में सेवा भाव है इसलिए कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं। वह पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार करते हैं उसके बाद पीपीई किट उताकर उसे डिस्पोज करने के लिए डाल देेते हैं। उनका कहना था कि शुरुआत में डर लगता था, लेकिन अब डर नहीं लगता है। सोनू ने बताया कि श्मशान घाट पर करीब एक दस दिन पहले एक दिन में आठ से दस शव लेकर गये थे। लेकिन अब धीरे-धीरे हालात पर सुधार हो रहा है। वर्तमान में सिर्फ एक- दो शव आ रहे हैं। इसलिए ऐसा लग रहा है कि स्थिति अब बेहतर हो रही है।