प्रदेश सरकार के सारे नियम और कानून सारणी नगरपालिका पर आकर रुक जाते हैं सरकारी कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करने में सफलता से नजर आते हैं नगरपालिका में सरकारी नियम के अनुसार वर्षों से एक ही स्थान पर जो कर्मचारी और अधिकारियों का स्थानांतरण पूरे प्रदेश में होता रहता है लेकिन नगरपालिका के इंजीनियरो का स्थानांतरण वर्षों बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया कभी कबार जनप्रतिनिधियों की नाराजगी के चलते ट्रांसफर हुआ भी है तो फिर बार-बार नगरपालिका सारणी ही वापस ट्रांसफर करवा लाते हैं इंजीनियर साहब लेकिन इंजीनियर मनोज अग्रवाल अपनी राजनीतिक पकड़ और निर्माण में हो रहे ज्यादा लाभ मिलने की वजह के कारण बार-बार सारणी में ट्रांसफर होकर आ जाते हैं ताकि भ्रष्टाचार से जो बड़ी मात्रा में धन अर्जित कर अपने आप को भ्रष्ट प्रतिभाशाली इंजीनियर के रूप में नगर वासियों को क्या दिखाना चाहते हैं यह महोदय अंगद के पांव की तरह नगर पालिका परिषद सारणी में जमाए हुए हैं इनके वापस बार-बार सारणी ट्रांसफर होकर आने के कारण जो आमजन की परेशानीयो का सामना करना पडे यह तो समझ से परे है सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों को लंबे समय से टीके नगरपालिका के इस इंजीनियर का स्थानांतरण क्यों नहीं किया जा रहा है
मुख्यालय पर नहीं रहते नगरपालिका के इंजीनियर मनोज अग्रवाल
नगर पालिका इंजीनियर मनोज अग्रवाल घटिया निर्माण की घटना को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं समय पर कार्यालय में उपस्थित भी नहीं रहते हैं जिस कारण ठेकेदार अपनी मनमर्जी के हिसाब से निर्माण करते हैं और कमीशन के आधार पर और उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर ठेकेदारों के साथ भी मिलीभगत के हिसाब से घटिया निर्माण कार्य को अंजाम देते रहते हैं पूर्व मे बैतूल नगर पालिका में जल प्रदाय शाखाओं की जिम्मेदारी संभाल रहे इंजीनियर साहब के तेवरों में इतनी कड़वाहट थी कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों की तक ना सुन नगर के लोगों को पेयजल सुविधा में भी असुविधा प्रदान की इन नाराजगी को देखते हुए पूर्व कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने नगरीय प्रशासन आयुक्त से बात कर फिर इनको अपनी मनपसंद जगह सारणी नगर पालिका में अटैच करा दिया सारनी नगरपालिका में आते ही उनकी पुरानी मिलीभगत और सांठगांठ की वजह से घटिया निर्माण की परंपरा बनाए रखी है आगे देखना यह है कि प्रशासन चुप्पी बनाए बैठेगी या उपरोक्त निर्माण पर कार्रवाई कर नियमानुसार काम करवाएं या अंगद के पांव जमे रहने देगा।