बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल
संस्कार भारती सारनी द्वारा कोरोना के चलते नव वर्ष का उत्सव अपने अपने घर पर ही मनाने का आग्रह किया। इसी श्रृंखला में संस्कार भारती सारनी ईकाई के महामंत्री दीपक वर्मा ने बताया कि इस वर्ष नव संवत्सर आनंद उत्सव वृहत रूप से राजडोह घाट पर मनाने की योजना बनाई थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के द्वितीय चरण में भयावह स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम घर पर ही स्वयं सुरक्षित रह कर सपन्न किया। सभी सदस्यों ने अनोखे ढंग से भारतीय नव संवत्सर का स्वागत सूर्योदय के साथ ही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर विक्रम संवत् 2078 का भव्य स्वागत कर सभी को नव वर्ष की शुभकामनाये दी। इस मौके पर सूर्य भगवान को मंत्रोच्चार के साथ अर्य दिया गया। इस अवसर पर संस्कार भारती सारनी ईकाई के अध्यक्ष अंबादास सूने ने बताया कि आज के दिन ही ब्रहमा जी ने सृष्टि की रचना की है। भगवान झूलेलाल की जयंती है। भगवान राम का राज्याभिषेक, संघ संस्थापक डाक्टर केशव बलिराम हेडगेवार की जयंती , आर्य समाज की स्थापना साथ ही चैत्र नवरात्रि पर्व के कारण आज का महत्व बढ़ जाता है। पूजन के बाद मिसरी, नीम का प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर बाबूराव गीद, अंबादास सूने, जितेश दरवाई , शातनू एवं कला गीद, संगीता सहित अनेक लोग उपस्थित थे।