थराली चमोली
बैसाखी के पर्व से पिण्डरघाटी में प्रारंभ हुए मेलों की श्रृंखला में बृहस्पतिवार को मींग में मींगेश्वर महादेव,कौब में कौबेश्वर महादेव और माल में मालेश्वर महादेव के मेलों का आयोजन बड़ी धूमधाम से हुआ। रिपोर्ट केशर सिंह नेगी
बैसाखी मेलों के दूसरे दिन क्रमशः मींग गांव, कौब और माल गांव में पौराणिक काल से आयोजित होने वाले कौथीकों की धूम रही।पिण्डरघाटी के नारायणबगड विकास खंड के ये बैसाखी मेले वर्षों पहले से अपनी भव्यता और चकाचौंध के लिए जाने जाते रहे हैं।इन अवसरों पर घर गांव और मंदिरों की रौनक देखने लायक होती थी।प्रवासी लोग भी बड़ी संख्या में गावों की ओर लौट आते थे।पूर्व में लोगों,नाते-रिश्तेदारों और ब्वाही जा चुकी ध्याणियों के आपस में मिलने का भी यह एक अवसर होता था।तब ।यातायात की सुविधाएं नहीं होने के कारण लोग मेलों में सजी दुकानों से ही अधिकांश खरीददारी किया करते थे।लेकिन अब सभी गांवों के सडकनेटवर्क से जुड जाने से लोगों को सभी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो जाने के कारण इन ऐतिहासिक और पौराणिक मेलो पर भी गहरा असर नजर आ रहा है।हालांकि पिछले दो तीन वर्षों से एक बार फिर से इन बैसाखी कौथीकों (मेंलों ) में कौथिगारों की रौनक लौट ही रही थी कि विगत वर्ष में कोरोना महामारी ने अपने पांव पसार कर लॉकडाउन में इन मेलों को फीका बना दिया।इस बार भी लोग मेलों में डर कर ही आ रहे हैं।सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ही लोग अपने देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने मेले व मंदिरों में जा रहे है।
बृहस्पतिवार को यहां तीन स्थानों पर आयोजित होने वाले मेलों में भी कौथिगेरों की आमद कोराना के चलते सामान्य से अधिक रही।
देवी देवताओं के पश्वाओं ने अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया । शुक्रवार को खैनोली गांव में नारायण भगवान और भगवती दुर्गा मंदिर में मेले का आयोजन होगा।