*बलरामपुर रामानुजगंज जिले में प्रकृति जंगल नदी एवं पहाड़ों के बीच मौजूद पल्टन घाट पर्यटकों को करता है आकर्षित, कन्हर नदी के बीच निर्मित काले एवं सफेद रंग के पत्थरों को देखने दुसरे राज्यों से आते हैं पर्यटक*
*सौरव कुमार चौबे बलरामपुर रामानुजगंज* : वर्तमान समय में लॉकडाउन के दौरान सभी कोरोना महामारी से बचाव के लिए अपने अपने घरों में हैं समय कि मांग भी यही है कि हम सभी अपने अपने घरों में ही रहें और सामाजिक दूरी का पालन करें जब तक कोरोना संक्रमण कि चैन टुटती नहीं है लेकिन ऐसे समय में हमें कहीं घुमने प्रकृति के बीच सुकून के कुछ वक्त बिताने का मन भी करता है हमारे बलरामपुर रामानुजगंज जिले में ऐसे अनेकों प्राकृतिक पर्यटन स्थल मौजूद हैं जो अपने आप में नायाब हैं लेकिन इन सभी पर्यटन स्थलों में सबसे खास है पल्टन घाट।
झारखंड उत्तरप्रदेश एवं अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में यहां घुमने आते हैं पर्यटक।
रामानुजगंज के नजदीक स्थित पल्टन घाट जहां नये साल का उत्सव मनाने छत्तीसगढ़ सहित झारखंड उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घुमने पिकनिक मनाने आते हैं यहां के शांत प्राकृतिक वातावरण में जिंदगी के तनाव को भुलकर अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करते हैं।
*कन्हर नदी के बीच सफेद और काले रंग के पत्थर पर्यटकों को करते हैं आकर्षित।*
आपको बता दें कि पल्टन घाट में कन्हर नदी के बीच में प्राकृतिक रूप निर्मित सफेद और काले रंग के पत्थर यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं घने जंगलों और नदी पहाड़ों से घिरा हुआ यह पर्यटन स्थल अपने सौंदर्य से पर्यटकों को मोहित कर लेता है स्थानीय लोगों कि मान्यता है कि यह अत्यंत प्राचीन जगह है पर्यावरण के सौंदर्य के दृश्य को निहारने बारिश के दिन में भी यहां पर्यटकों कि आवाजाही बनी रहती है।
*उपेक्षा का शिकार है पलटन घाट*
एक ओर जहां पलटन घाट में जिले के साथ-साथ छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां वर्ष भर पिकनिक मनाने आते रहते हैं। वही पल्टन घाट प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है कुछ असमाजिक तत्व यहां पर्यटकों के सुविधा के लिए निर्मित फ्लड व्यू प्वाइंट में अपशब्द लिखकर चले जाते हैं जो कि बाहर से आने वाले लोगों को बहुत बुरा संदेश देता है इस प्राकृतिक पर्यटन स्थल को स्वच्छ बनाए रखना यहां के नागरिकों कि भी जिम्मेदारी है जिससे यह पर्यटन स्थल आकर्षण का केंद्र बना रहे साथ ही प्रशासन के सहयोग से इस नैसर्गिक प्राकृतिक पर्यटन स्थल को और भी विकसित करने कि जरूरत है।
*सौरव कुमार चौबे कि रिपोर्ट*