पवित्र माह रमजान के पहला जुमा पर मस्जिदों में सीमित संख्या में ही लोग पहुंचे और कोविड-19 के तय मापदंडों का पालन करते हुए नमाज अदा की। अधिकांश लोगों ने घर पर ही इबादत की। राजधानी में चैत्र नवरात्र के साथ ही रमजान का माह भी शुरू हुआ है। इन दोनों पर्वों में शहर में पहले खासी रौनक हुआ करती थी। मंदिरों में जहां सुबह शाम महाआरती में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते थे, वहीं रमजान में मस्जिद में तोप चलने के साथ ही शहर के चौक-चौराहों पर चहल-पहल बढ़ जाती थी। लगातार दूसरे वर्ष कोरोना प्रकोप के चलते इबादत भी घरों तक सीमित होकर रह गई है। प्रशासन ने सामूहिक रूप से आरती और नमाज के लिए तय संख्या से अधिक लोगों के मंदिर व मस्जिद में जमा होने पर पाबंदी लगा रखी है। उधर श्रद्धालु भी राजधानी में मौजूदा वक्त में कोरोना के कहर को देखते हुए कोविड-19 के लिए जारी की गई तमाम हिदायतों का पालन कर रहे हैं। जिंसी निवासी फजल खान ने बताया कि जुमे की नमाज पर सीमित संख्या में लोग मास्क लगाकर पहुंचे थे। तय शारीरिक दूरी के तय मापदंड का पालन करते हुए नमाज पढ़ गई। शाम को भी अधिकांश लोग घर में ही तरावीह पढ़ रहे हैं।
रमजान के पहले जुमे पर घर में की गई इबादत