होश्ंागाबाद (योगेश ंिसह राजपूत ) वन विभाग के कर्मचारियों से जानकारी लेने के बाद बताया गया कि कोरोना काल की विषम परिस्थिति में डी एम ओ के द्वारा जंगल एवं फील्ड पर कार्य करने वाले कर्मचारीयो को कोरोना संक्रमण से बचाने के कोई ठोस बंदोबस्त नहीं किया गया है। जिससे कर्मचारीयो और फील्ड वर्क
स्टाफ कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की संभावना है। विश्वसूत्रो से ज्ञात हुआ कि समस्त वन स्टाफ एवं अन्य वन क्षेत्रों में कर्मचारियों को वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए डी एफ ओ के द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं, जो बेहद चिंता का विषय है। यही कारण है कि कई कर्मचारी लगातार कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं और अब तक कोरोना मंे जबाबदार कर्मचारी मौत के शिकार हो चुके है। कर्मचारिया ने इस चिंताजनक स्थिति को लेकर ं उच्च स्तर का प्रभावी मास्क एक अंतराल में वितरण किया जाए। सभी कार्य कार्यस्थल में सैनिटाइजर तथा साबुन पानी की व्यवस्था किया जाए। प्रत्येक कार्यस्थल में उपस्थिति के पूर्व कर्मचारियों के थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो तथा किसी कर्मचारी का टेंपरेचर असामान्य पाए जाने पर तत्काल उस कर्मचारी का कोविड टेस्ट कराया जाए। प्रत्येक कर्मचारी मशीनों को सैनिटाइज कराने की ठोस व्यवस्था हो ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
कोविड संक्रमित की शंका वाले कर्मचारी को तत्काल जांच के लिए चिकित्सालय भिजवायें।प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 से बचाव के सभी संसाधन उपलब्ध हो तथा कोरोना संक्रमित होने पर बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था करें। लगातार अप्रिय घटना की सूचना मिलने से सारे कर्मचारी सहमे सहमे से है। इस और डीएफओ को ध्यान देना चाहिए अगर स्टाफ सही रहेगा तभी सुचारू कार्य होगा अन्यथा संभव नही है ?