Black Marketing During Lockdown: थोक में स्टाक भरपूर, लेकिन रिटेलरों के पास किल्लत
Black Marketing During Lockdown: थोक में स्टाक भरपूर, लेकिन रिटेलरों के पास किल्लत

राशन सामग्री की घर पहुंच सेवा तो शुरू, लेकिन स्टाक की कमी से नहीं मिल रहे पसंदीदा उत्पाद। थोक व्यावसायियों को भी मिले अनुमति। Black Marketing During Lockdown: कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की अवधि में लोगों को राहत पहुंचाते हुए जिला प्रशासन ने भले ही किराना संस्थानों, सुपर बाजारों को होम डिलीवरी की अनुमति दे दी है। लेकिन इससे उपभोक्ताओं की परेशानी हल नहीं हो रही है। किराना संस्थानों व सुपर बाजार में ही स्टाक की किल्लत की वजह से लोगों को उनके पसंदीदा सामानों के साथ ही जरूरत की सामग्री भी नहीं मिल पा रही है। आलम यह है कि डिलीवरी करने वाले सुपर बाजार व किराना संस्थानों में स्टाकों की किल्लत बनी हुई है।
आटा, मैदा, सूजी, पोहा के साथ ही बिस्किट और दालों तक की किल्लत शुरू होने लगी है। कारोबारियों का कहना है कि लाकडाउन लगने के दो दिन पहले ही आम उपभोक्ताओं द्वारा दस दिनों के लाकडाउन को देखते हुए जबरदस्त खरीदारी की गई और लाकडाउन लगने से माल भी नहीं आ पाया। 

कारोबारियों का कहना है कि कुछ दिन और ऐसा हालात रहे, तो आने वाले दिनों में उत्पादों की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है क्योंकि थोक बाजार में माल पर्याप्त है। मगर, उस माल को थोक बाजार से रिटेलरों के पास आने की अनुमति नहीं है। जब थोक बाजारों को अनुमति नहीं है तो किस प्रकार से रिटलरों के पास स्टाक आएगा। स्टाक की कमी तो अभी बनी ही रहेगी।