4 दिन से लेकर एक हफ्ते में आ रही है रिपोर्ट
कोरोना को लेकर सरकारी दावों पर भरोसा करें तो प्रदेश में कही में ऑक्सीजन , बेड एवं जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता है। जबकि हकीकत यह है कि सरकार कोरोना की रिपोर्ट 24 घंटे में नहीं दे पा रही है। जबकि सरकार पिछले एक महीने से यह 24 घंटे में रिपोर्ट देने का दावा करती आ रही है। स्थिति यह है कि सरकार द्वारा कोरोना जांच की दर तय करने के बाद से निजी लैबों ने जांच में रुचि लेना बंद कर दिया है। यही वजह है कि रिपोर्ट आने में एक हफ्ते तक का समय लग रहा है। राजधानी समेत प्रदेश में फीवर क्लीनिक एवं कोविड सेंटरों के बाहर कोविड 19 की जांच कराने वालों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। रिपोर्ट के लिए लोग फीवर क्लीनिक के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद भी हालात नहीं सुधर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार हर बैठक में यह दावा कर रही है कि जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आ जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान भी यह दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुगम होती जा रही है। साथ ही अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या पर्याप्त है। जरूरी दवाएं भी उपलब्ध हैं।
होम आयसोलेशन वाले मरीजों से दिन में दो बार बात करें डॉक्टर
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक टेस्टिंग व्यवस्था, 24 घंटे में टेस्ट रिपोर्ट देने, होम आयसोलेशन में रह रहे मरीजों का कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर से डॉक्टर द्वारा टेलिमेडिसिन के माध्यम से दिन में दो बार सुपरविजन सुनिश्चित करने और मरीजों को आवश्यक रूप से मेडिकल किट उपलब्ध कराया जा रहा है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा रहा है।
निजी अस्पतालों में नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी
चैहान ने कहा कि सभी बड़े शासकीय और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था और जन-सामान्य को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। यह व्यवस्था सभी जिलों में भी लागू होगी। निजी अस्पतालों को अपने दूरभाष क्रमांक और उपलब्ध बिस्तरों की जानकारी प्रदर्शित करना आवश्यक होगा। चैहान ने कहा कि कोविड प्रभावित व्यक्तियों को इलाज के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन तथा अस्पतालों की जानकारी सरलता से मिले, इसके लिए आवश्यक व्यवस्था विकसित की जाएगी। जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री इस व्यवस्था का समन्वय करेंगे।