विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर उपभोक्ताओं के अधिकारों से कराया अवगत
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर उपभोक्ताओं के अधिकारों से कराया अवगत
बराड़ा, (जयबीर राणा थंबड़)। जिला खाद्य आपूर्ति निरीक्षक अनिल कुमार के निर्देशानुसार आज 15 मार्च को उपभोक्ता के अधिकारों और जरूरतों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया गया। बराड़ा के खाद्य आपूर्ती निरीक्षक विनोद दुबे ने बताया कि इस दिन को उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। इसके जरिए यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ता के अधिकार बाजारवाद और सामजिक अन्याय के शिकार तो नहीं हो रहे हैं। इसके जरिए यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ता के अधिकार बाजारवाद और सामजिक अन्याय के शिकार तो नहीं हो रहे हैं। कानून में हुए बदलाव के बाद से अब उपभोक्ता किसी भी कमीशन में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इससे पहले उपभोक्ता वहीं केस दर्ज करा सकते थे, जहां कंपनी की सर्विस उपलब्ध हो। 
विनोद दुबे ने बताया कि नए बदलावों से पहले सेलेब्रिटीज को भ्रामक विज्ञापन करने पर जुर्माना नहीं भरना पड़ता था, अब सेलेब्रिटीज को भ्रामक विज्ञापन करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके बाद से सेलेब्रिटीज भी विज्ञापनों के चुनाव को लेकर काफी सजग हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता कानून में हुए बदलावों के तहत, ई-कॉमर्स कंपनियों को भी उपभोक्ता फोरम के तहत लाया गया है। अब ग्राहक कस्टमर केयर को फोन कर-करके परेशान होने के बजाय उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
अगर कोई भी दुकानदार तय रेट (MRP) से अधिक रेट पर सामान बेचता हुआ पकड़ा जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
खाद्य आपूर्ति निरीक्षक विनोद दुबे ने बताया कि खाने-पीने की चीजों में मिलावट पाए जाने पर जिम्मेदार व्यक्ति को जेल भी भेजा जा सकता है। मिलावट के मामले में पकड़े जाने पर दुकानदार को छह महीने की सजा, जबकि मिलावट के कारण ग्राहक की मौत हो जाने पर दुकानदार को उम्रकैद की सजा हो सकती है।
पहले अगर कोई उत्पाद खराब निकलता था, तो दुकानदार को उसके लिए थोड़ा हर्जाना ग्राहक को देना पड़ता था। अब दुकानदार को खराब उत्पाद के कारण हुए नुकसान की कीमत का हर्जाना भरना पड़ेगा।
पहले शिकायत के मामलों में 20 लाख रुपये तक के मामले की सुनवाई जिला स्तर पर, एक करोड़ तक के मामले की सुनवाई राज्य स्तर पर जबकि इससे अधिक राशि के मामले की सुनवाई राष्ट्रीय स्तर पर होती थी।
उन्होंने बताया कि कानून में हुए बदलाव के बाद अब इस राशि को बढ़ा दिया गया है. अब जिला स्तर पर एक करोड़, राज्य स्तर पर दस करोड़ तथा इससे अधिक राशि के मामले की सुनवाई राष्ट्रीय स्तर पर होगी। 
उपभोक्ता फोरम अब ग्राहक और कंपनी के बीच मध्यस्थ की भूमिका भी निभा सकता है। 
ग्राहकों के बढ़े अधिकार :-
जिला खाद्य आपूर्ति निरीक्षक अनिल कुमार के अनुसार अब कोई भो ग्राहक सूचना के अधिकार के तहत, किसी भी उत्पाद में वस्तु की मात्रा, क्षमता, गुणवत्ता, शुद्धता, स्तर और मूल्य के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है.नए कानून के तहत, ग्राहक किसी भी उत्पाद की खरीद पर शोषित महसूस करता है, तो वह इसके खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करा सकता है. उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई का भी प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि कोई भी कंपनी ग्राहक पर किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए दबाव नहीं बना सकती। जब तक ग्राहक वस्तु को लेकर संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक वह उस वस्तु को खरीदने के लिए बाध्य नहीं है।
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