पानी आने से अधुरा रह गया गाद निकालने का काम
मसनगांव- जल संसाधन विभाग द्वारा 23 मार्च से तवा डैम में पानी छोड़े जाने के पश्चात 25 मार्च की रात में क्षेत्र की नहरों में पानी पहुंचने से गाद निकालने का काम अधूरा रह गया विभाग द्वारा 2 दिन पहले पानी की आवक को देखते हुए जेसीबी मशीन तथा पोकलेन से गाद को बाहर निकालने का काम किया जा रहा था जो पहद गांव शाखा से लेकर डगावा शंकर तक की पुलिया के नजदीक तक किया जाना था पंरतु पानी आने के वाद यह काम अधुरा रह गया जिससे आने वाले समय मे किसानो को वापस परेशानी उठानी होगी।
चार किलोमिटर तक जमी गाद
सोनतलाई सब डिवीजन में चार किलोमिटर तक जमी हुई गाद तथा जलकुंभी के कारण पर्याप्त पानी होने के बावजूद टेल क्षेत्र के खेतों में पानी नहीं पहुंचने के कारण इस वर्ष किसानों को पानी के लिए खासी मशक्कत करना पड़ी थी जिसे देखते हुए किसानों ने विभाग से नहर मे जमीं हुई जलकुंभी तथा गाद को निकालने की मांग की थी जिस पर क्षेत्रीय विधायक एवं कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल के द्वारा विभाग से तुरंत नहर मे जमी हुई गाद को निकालने के निर्देश दिए गए इस पर विभाग ने तीन जेसीबी तथा पोकलेन मशीन से गाद निकाली जा रही थी की नहर मे पानी आने से कुछ जगह की ही सफाई हो सकी वह भी आधी अधूरी जिससे कुछ जगहों पर वापस गाद जमने का अंदेशा होने के कारण पानी वितरण में समस्या खड़ी हो सकती है,
नहरो मे पंहुचा पानी झांझरी और रेवापुर मे पंहुचाया
विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल के लिए नहर में पानी छोड़े जाने के बाद 2 दिन में सोनतलाई सब डिविजन में पानी आना शुरू हो गया नहर में लाइनिंग का कार्य होने से बहने वाले पानी को रेवा पुर तथा झंझरी माईनर में पहुंचाया गया जिससे सोनतलाई सब डिवीजन में 2 एल से लेकर स्टेट हाइवे तक होने वाली लाईनिंग का काम चालु रहा। विभाग द्वारा सेवन एल शाखा तक पानी पहुंचाने की घोषणा के वाद ठेकेदार को अपना काम रोकना पड़ सकता है।जिसे देखते हुए विभागीय अधिकारी तथा ठेकेदार के कमॅचारी रात दिन काम कर लाईनिंग को आगे वढाने मे लगे हुए है।
पानी देखते ही खेतो मे टुट पडे किसान
मसनगांव- खरीफ तथा रवी की फसल के उत्पादन से मार खाये किसान इस वर्ष नहर में पानी देखते ही खेतों में टूट पड़े हैं मसनगांव से लेकर गहाल तक नहर के आसपास के खेतों में जमकर मूंग फसलों की बुवाई की जा रही है नहर मे पानी छुटने की जानकारी लगने के दो दिन पहले से ही किसानों ने खेतों में पहुंचकर मोर्चा संभाल रखा था खेतों को साफ करने के लिए कुछ किसानों ने खेतों में खड़ी नरवाई में आग लगाई तो कुछ ने रोटावेटर कर खेतों को वुआई के लिए तैयार किया, इसके पश्चात पानी आने के एक दिन पहले से ही मूंग फसल की बुवाई खेतों में कर दी पानी आते ही किसानों ने खेतो पानी रेलना शुरू कर दिया है।
मुंग की फसल वनी किसानो की पहली पंसद
क्षैत्र के किसानो द्वारा मुंग की फसल को लेकर विशेष उत्सुकता देखी जा रही है अधिकांश किसान खेतो मे मुंग वोने के लिए लगातार जतन कर रहे है कुछ किसान नदी से खेत तक पाईप लाईन विछा रहे है तो अधिकांश ने खेतो मे वोर करा कर पानी निकाल लिया है।
कम दिन और अच्छा भाव की लालच
मूंग की फसल 60 दिन में पक कर तैयार हो जाती है जिस का भाव भी बाजार में अच्छा मिलता है यही कारण है कि किसानों को मूंग की फसल विशेष रूप से ललचा रही है जिसके चलते क्षेत्र के अधिकांश किसान खेतों में मूंग फसल बोने की तैयारी करने में लगे हुए हैं
वाजार से गायब हुआ डि ए पी
रवि की फसल की तरह ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल को डीएपी में मिलाकर बोया जाता है जिससे क्षेत्र में डीएपी की कमी बनी हुई है किसान नगद पैसे देकर बाजार से डीएपी की खरीदी कर रहे हैं लेकिन व्यापारी भी इसका फायदा उठाने से नहीं चूक रहे कुछ व्यापारियों के द्वारा स्टाक होने के बावजूद किसानों को खाद के लिए मना किया जा रहा है तो कुछ व्यापारी ऐसे 13 सौ से लेकर 14 सौ रूपये प्रति बोरी के हिसाब से खाद का विक्रय कर रहे है
नही होती शिकायत
बाजार में खाद की कमी होने के कारण किसान भी अधिक दाम देकर बाजार से डीएपी लाने को मजबुर है। किसानों का कहना है कि समिति में खाद नहीं होने से उन्हें हरदा से खाद लाना पड़ रहा है जंहा सरकारी गोदाम मे 12 सौ मे मिलता है वही व्यापारियों के यहां से मंहगे भाव पर खरीद कर लानी पड़ रही है अधिक भाव होने के बावजूद फसल बोने के चक्कर मे मजबूरी में महंगे भाव का खाद खरीद कर ला रहा है।
मसनगांव से अनिल दीपावरे की रिपोर्ट