केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के कार्यालय में पाकिस्तान से भारत लौटी बहुओं का परिजनों के साथ हुआ स्वागत

 केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के कार्यालय में पाकिस्तान से भारत लौटी बहुओं का परिजनों के साथ हुआ स्वागत



केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के प्रयासों से लम्बे इंतजार और बड़ी मुश्किल से पाकिस्तान से भारत लौटी बहुओं का परिजनों के साथ मंगलवार को सांसद सेवा केंद्र में हुआ स्वागत, खुशी से परिजनों की भर आईं आंखें



वागाराम बोस की रिपोर्ट


बाड़मेर शादी के पश्चात दो वर्ष के लंबे इंतजार के बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कल भारत लौटी दोनों दुल्हनों और उनके परिजनों का मंगलवार को बाड़मेर मुख्यालय पर स्थित केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद कैलाश चौधरी के कार्यालय सांसद सेवा केंद्र पर मंत्री के स्टॉफ और भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। लम्बे इंतजार और बड़ी मुश्किल से घर लौटी बहुओं को देखकर कार्यालय में मौजूद तमाम लोगों और परिजनों के चेहरे भी खिले हुए दिखे। ऐसे में सांसद सेवा केंद्र में हुए स्वागत से सबकी आंखें भर आई। पाकिस्तान में फंसी बहुओं का दर्द झेल रहे परिजन जब सांसद कार्यालय पर पहुंचे तो उनका श्रीफल देकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। बहुओं के भारत लौटने की खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। साथ ही दुल्हनों की भी खुशी का ठिकाना नहीं था। सभी ने अपने व्यक्तव्यों में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के विशेष प्रयासों के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया।


केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री एवं स्थानीय बाड़मेर जैसलमेर सांसद कैलाश चौधरी के प्रयासों से सोमवार को पाकिस्तान में निवास कर रही दो दुल्हनों का अपने ससुराल आने का लंबा इंतजार सोमवार को समाप्त हो गया। दो साल पूर्व शादी होने के बावजूद वीजा न मिल पाने से दोनों दुल्हनें पाकिस्तान से अपने दुल्हों के साथ भारत नहीं आ सकी थी। शादी के बाद बाड़मेर व जैसलमेर निवासी दोनों दूल्हों को अपनी-अपनी दुल्हनों को वहां छोड़कर भारत लौटना पड़ा था। इस बीच अभी भी एक और दुल्हन वीजा के अभाव में पाकिस्तान में ही फंसी हुई है, लेकिन उसके छोटे बच्चे राजवीर सिंह को वीजा दे दिया गया है। ऐसे में वह बच्चा अपनी नानी के साथ भारत पहुंचा है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि हम एक ओर दुल्हन की वतन वापसी को लेकर भी प्रयासरत हैं और उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही वह भी हमारे बीच होंगी। कुछ वीजा समस्याओं के चलते फिलहाल उनका आना स्थगित हो गया है।


केंद्रीय मंत्री के प्रयासों से पिघली लम्बे इंतजार की बर्फ : जैसलमेर जिले के बइया गांव के नेपाल सिंह का रिश्ता पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। वे दो साल पहले थार एक्सप्रेस से बारात लेकर पाकिस्तान गए थे। नेपाल सिंह की शादी 26 जनवरी 2019 को हुई थी। इसी तरह बाड़मेर जिले के गिराब क्षेत्र के महेन्द्र सिंह 16 अप्रेल 2019 में पाकिस्तान में शादी हुई थी। वे भी थार एक्सप्रेस से बारात लेकर पाकिस्तान गए थे। इस तरह बाड़मेर-जैसलमेर के दोनों युवकों के लिए सोमवार का दिन उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन साबित हुआ। इन युवकों की दुल्हनें शादी के 2 साल के लंबे इंतजार के बाद उनके घर आई हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के कारण दोनों दुल्हनें अपनी ससुराल नहीं आ पा रही थी। हालांकि सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले एक अन्य युवक विक्रम सिंह की पत्नी को अभी तक वीजा नही मिला है, लेकिन उनके बच्चे राजवीर सिंह को वीजा मिलने के बाद वह अपनी नानी के साथ भारत पहुंचा है।