बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल
सतपुड़ा जलाशय स्वच्छता अभियान के तीसरे सप्ताह तकरीबन तीन सौ कार्यकर्ताओं ने श्रमदान किया। बैतूल, रानीपुर, घोड़ाडोंगरी सहित पूरे जिले भर से सैकड़ो की तादाद में गायत्री परिवार के कार्यकर्ता रविवार की सुबह सारनी छठ घाट पर जुटे और श्रमदान में हिस्सा लिया। गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं में बड़ी संख्या महिलाओं की थी। सभी श्रमदानियों ने दो घण्टे तक श्रमदान किया और तकरीबन 30 ट्रॉली जलीय खरपतवार डेम से बाहर निकाला। श्रमदानी कार्यकर्ताओं की मेहनत अब रंग लाने लगी है। तीन सप्ताह के प्रयास से जलाशय की सूरत अब बदलने लगी है। तीन सप्ताह पहले तक किसी मैदान की तरह दिखने वाले सतपुड़ा जलाशय एक बड़े हिस्से में पानी दिखाई देने लगा है।
जिले के पर्यावरणविद मोहन नागर के आह्वान पर पिछले 21 फरवरी से सतपुड़ा जलाशय स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जलीय खरपतवार से ढंक चुके सतपुड़ा डेम को स्वच्छ बनाने के लिए कई संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता बढ़ चढ़कर इस अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। प्रति रविवार चलने वाले इस अभियान में स्थानीय सामाजिक संगठन के अलावा पूरे जिले भर के कार्यकर्ता श्रमदान में जुट रहे हैं। अभियान के तीसरे चरण में गायत्री परिवार, मछुआरा समाज, नपा सफाई मजदूर संघ सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने श्रमदान किया और काफी मात्रा में खरपतवार जलाशय से बाहर निकालने में अपना योगदान दिया।
छठ घाट पर जुटे श्रमदानियों को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय तैलिक राठौर महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बालाराम साहू ने कहा कि सतपुड़ा जलाशय सिर्फ सारनी ही नही बल्कि पूरे बैतूल जिले की धरोहर है। इस जलाशय को बचाने की ज़िमेदारी हम सबकी है। उन्होंने कहा कि मोहन नागर सहित वे सभी कार्यकर्ता अभिनन्दन के पात्र हैं जिन्होंने इस अभियान की नींव रखी और लगातार अपने श्रम से इस जलाशय को स्वच्छ बनाने में जी जान से जुटे हैं। इस अवसर पर गायत्री परिवार के जिला समन्वयक डॉ कैलाश वर्मा, नगर पालिका सफाई मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष के के भावसार ने भी अपने विचार व्यक्त किए और अभियान को गति देने हेतु अपने सुझाव रखे। इस अवसर पर नगरपालिका उपाध्यक्ष भीमबहादुर थापा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं नागरिक मौजूद थे।आभार प्रदर्शन मोहन मोरे ने किया।