बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल
सतपुड़ा डेम के छठ घाट पर श्रमदानियों का जज्बा देखने लायक था। तकरीबन 200 श्रमदानियों ने दो घण्टे तक श्रमदान कर 31 ट्राली जलीय खरपतवार जलाशय से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की। रविवार को सतपुड़ा जलाशय स्वच्छता अभियान के पाँचवे चरण में बड़ी संख्या में लोग छठ घाट पर जुटे। कोरोना की वजह से जलाशय स्वच्छता अभियान समिति द्वारा श्रमदानियों की संख्या सीमित रखी गई थी। 20-20 कार्यकर्ताओं की दस टोलियां बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रमदान किया गया। जल प्रहरी मोहन नागर के नेतृत्व में हर रविवार को सतपुड़ा डेम को साफ़ करने की मुहिम लगातार जारी है। सामूहिक श्रमदान में नगर के सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया और सतपुड़ा जलाशय को चाइनीज झालर से मुक्त कर पूर्णतः स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर श्रमदानियों को सम्बोधित करते हुए जल प्रहरी मोहन नागर ने कहा कि आज के दिन हम सभी कार्यकर्ता एवं नागरिक इस जलाशय को स्वच्छ बनाने के साथ साथ पानी की एक एक बूंद को बचाने का संकल्प लें। इस अवसर पर कुनबी समाज के संरक्षक विश्वनाथ बारस्कर, लक्ष्मण धोटे, बीएमएस के कमल किशोर भावसार, सतपुड़ा शिक्षा समिति के योगेंद्र ठाकुर, सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य राजेन्द्र तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किए।
वही कभी देश की सरहद की सुरक्षा के लिए हमेशा आगे रहने वाले भारतीय सेना के पूर्व जवान भी सतपुड़ा डेम को स्वच्छ बनाने के लिए आगे आकर श्रमदान कर रहे हैं। भारत भारती निवासी पूर्व सैनिक राजेश भदौरिया पांच सप्ताह से नियमित रूप से श्रमदान कर रहे हैं। पांचवे चरण में एक और पूर्व सैनिक सुधीर बाघमारे भी अभियान से जुड़ गए। पूर्व सैनिकों के अलावा बैतूल से पधारे मोतीलाल कुशवाहा, विकास विश्वास, राजेश पाटिल सतपुड़ा शिक्षा समिति के अध्यक्ष अम्बादास जी सुने, कुनबी समाज के अध्यक्ष माणिक धोटे, हेमन्त देशमुख, बजंरग दल के लक्ष्मीकांत पांडे, कमलेश पटाईया, अंजनी सिंह, दिलीप झोड़, अरुण मकोड़े, सतीश बौरासी, प्रवीण सोनी, नपा उपाध्यक्ष भीम बहादुर थापा, पार्षद मुकेश यादव सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्रमदान में हिस्सा लिया।