मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फ़ॉर पावर एम्प्लॉयीज एन्ड इंजीनियर्स की ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक भोपाल में सम्पन्न।
5 सूत्री मांगों पर विस्तार से ऊर्जा मंत्री से सकारात्मक हुई चर्चा।
बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल
मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम के संयोजक सोनू प्रताप पांडे ने बताया कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से यूनाइटेड फोरम के अधिकारियो की चर्चा हुई।
1. बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध में माननीय मंत्री जी को बताया गया कि निजीकरण करना समस्या का हल नहीं है वर्तमान व्यवस्था में सुधार करना ही उचित रहेगा। उक्त बिंदु पर मंत्री जी द्वारा कहा गया कि हम इस बात पर विचार करें कि निजीकरण क्यों हो रहा है यदि सेक्टर मजबूत होगा तो निजिकरण आवश्यक ही नही जिस पर संगठन के द्वारा बताया गया कि शासन की गलत नीतियों के कारण विभाग घाटे में जा रहा है विद्युत मंडल के समय विभाग का प्रमुख इंजीनियर होता था और आज विभाग का प्रमुख आईएस है जो हर 3 साल में बदले जाते हैं जिससे बार-बार बिजली क्षेत्र में परिवर्तन करने पड़ते हैं और विभाग घाटे में जाता है सरकार द्वारा 16000 करोड़ों रुपए की सब्सिडी अभी तक बिजली विभाग को नहीं दी गई इस पर भी विचार करना जरूरी है आज वर्तमान में स्ट्रक्चर रिवाइज नहीं हो रहा कम संसाधनों में कम अधिकारी कर्मचारियों में भी हम व्यवस्था को निरंतर बनाए रखे हुए हैं इसमें सुधार की जरूरत है.
2 समस्त बिजली संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाने हेतु संगठन के द्वारा मंत्री जी को बताया गया कि विद्युत विभाग में 6000 बिजली संविदा कर्मचारी पिछले 10 से 12 साल से काम कर रहे हैं जो विभाग द्वारा भर्ती विज्ञापन के माध्यम से भर्ती हुए हैं अनुभवी कर्मचारी हैं जन संकल्प 2013 में नियमित करने के लिए सरकार ने संकल्प भी दिया था। उक्त बिंदु पर माननीय मंत्री द्वारा बताया गया कि मेरे संज्ञान में यह मुद्दा पहले से है और मैं इस बार काम भी कर रहा हूं रिजल्ट भी आपको बहुत जल्द दिखाई देगा मैं पहले से कुछ नहीं बोल सकता लेकिन है सही है कि हमारे कर्मचारी बहुत अनुभवी हैं और लगन से काम भी कर रहे हैं.
3. समस्त बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को तेलंगाना सरकार की तरह संविलियन किया जाए संगठन की ओर से मंत्री जी को 35000 आउटसोर्स कर्मचारियों के संविदा में परिवर्तन करने के लिए प्रपोजल किया गया माननीय मंत्री जी को बताया गया कि आज हम प्राइवेट ठेकेदार को जीएसटी और कमीशन देते हैं इसी व्यवस्था में सुधार किया जाए और बिजली कंपनियों से इन कर्मचारियों को डायरेक्ट पेमेंट दी जाए जिसमें हमारा जीएसटी और कमीशन बचेगा जिससे हमारे आउटसोर्स कर्मचारियों की वेतन वृद्धि भी होगी और इनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। माननीय मंत्री महोदय उक्त सुझाव को सकारात्मक बताते हुए इस मुद्दे पर विस्तृत काम करने के लिए कहा गया.
4. मध्यप्रदेश में पेंशन की समुचित व्यवस्था ना होने का ध्यान माननीय की ओर आकर्षण किया गया एवं पेंशन ट्रस्ट में कंपनियों द्वारा कोई फंड जमा ना करने की ओर ध्यान दिलाया गया। मंत्री द्वारा इस पर विचार करने का आश्वासन दिया एवं फोरम द्वारा ऊर्जा मंत्री से पेंशन की व्यवस्था उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ट्रेजरी से करने की मांग की गई जिस पर ऊर्जा मंत्री द्वारा बहुत जल्द सकारात्मक परिणाम आने के लिए आश्वस्त किया गया.
5. (अ) कंपनी केडर के कर्मचारी के वेतनमान में सातवें वेतन के समय 0+3 विसंगति पैदा कर दी गई है जो अनुचित है एक काम के लिए तो दो प्रकार की सैलरी दी जा रही है प्रबंधन के द्वारा यह गलत है इसी प्रकार की विसंगति बहुत से कर्मचारियों के साथ की गई है वेतन विसंगति जल्द से जल्द दूर की जाए जिस पर मंत्री जी ने सकारात्मक विचार करते हुए बहुत जल्द वेतन विसंगति दूर करने का आश्वासन दिया.
(ब.) नियमित कर्मचारी संविदा कर्मचारियों को 50% छूट एवं पेंशनर कर्मचारियों को 25 परसेंट बिल में छूट दी जाए ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया बहुत जल्द इस मुद्दे पर आप को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे
(स) कोरोना काल में वेतन वृद्धि और डीए को रोक लिया गया था इसे चालू किया जाए मंत्री के समक्ष रखा गया मुद्दा जिस पर माननीय मंत्री जी को बताया गया कि अभी हमारी वर्तमान स्थिति इतनी खराब नहीं है कि हम कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़े हो, कम संसाधनों में भी हम अच्छा काम कर रहे हैं। हमारी रुकी हुई वेतन वृद्धि और दिए कर्मचारियों को दिया जाए जिससे हमारा विद्युत अधिकारी कर्मचारी उत्साह से काम करें जिस पर ऊर्जा मंत्री बहुत सकारात्मक थे और बहुत जल्द मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर रुका हुआ दिए देने के लिए कहा। यूनाइटेड फोरम की बैठक में 5 बिंदुओं पर सकारात्मक चर्चा हुई. सभी बिंदुओं पर सकारात्मक चर्चा रूप से हुई एवं माननीय मंत्री द्वारा यह आश्वस्त किया गया कि जल्द से जल्द इन सभी मुद्दों पर प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं प्रबंधन के साथ मीटिंग कर सभी मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा, मीटिंग के दौरान ऊर्जा मंत्री ने प्रमुख सचिव ऊर्जा को फोन के द्वारा मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम की 5 सूत्री मांगों से अवगत कराया और ऊर्जा सचिव को फोरम के बिंदुओं पर संज्ञान लेते हुए मीटिंग करने के लिए कहां गया.