ग्रामीण आबादी भूमि में भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र हेतु सर्वे किया
  हंडिया बुधवार को ग्राम देवास में  मध्यप्रदेश सरकार की एक महती योजना जिसमें ग्रामीण आबादी भूमि में निवासरत   लोगों को भू स्वामित्व प्रमाण पत्र प्रदाय किया जाना है इसके तहत फिलाल मध्यप्रदेश के कुल सत्रह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आबादी भूमि का सर्वे कार्य किया जा रहा है।इन जिलों में हरदा जिले को भी शामिल किया गया है। हंडिया आरआई संतोष पथोरिया ने ग्रामीणों को बताया कि वास्तव में यह योजना क्या?और इसका उद्देश्य क्या है?  जैसे भूमिस्वामी या लगानी भूमि में लोगों के पास शासकीय अभिलेख के रूप में खसरा,किस्तबन्दी व ऋण पुस्तिका होती है लेकिन आबादी भूमि में निवारत या काबिज लोगों के पास कोई शासकीय अभिलेख या दस्तावेज नहीं होता है इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में जो आबादी भूमि है और उस भूमि के अंदर जो लोग निवारत हैं या उस भूमि पर वास्तविक रूप से काबिज हैं उनकों उस काबिज भूमि के काबिज रकबा का उनकें पास कोई शासकीय अभिलेख लिखित रूप में नहीं हैं इसलिए ग्रामीण आबादी भूमि में जो जहां जिस खसरा नम्बर पर जितने रकबा पर काबिज है उनकों उतने रकबा का सर्वे उपरांत भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र प्रदान किया जावेगा। इस सर्वे में काबिज लोगों से उनके आधार कार्ड,समग्र आईडी व मोबाईल नम्बर की भी जानकारी लेकर बुकलेट में भरकर उनकें रकबा की चतुर्थ सीमाओं का उल्लेख किया जा रहा है। अभी प्रारंभिक तौर पर गांव की आबादी भूमि को चिन्हित कर उसकी आउट लाइन डाली जा रही है। इसके बाद ड्रोन से सर्वे उपरांत नक्शा तैयार किया जावेगा। पश्चात एक तैयार नक्शे को पुनः मौके से मिलान करने के उपरांत नक्शा व आवश्यक अभिलेख तैयार किये जावेंगे। इस दौरान ग्राम पटवारी सुभाष मर्सकोले,पटवारी रामकिशोर अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।