उपमंडल और तहसील मुख्यालयों पर गणतंत्र दिवस समारोह आयोजन के दिशा निर्देश जारी न होना निंदनीय - हेमंत

 उपमंडल और तहसील मुख्यालयों पर गणतंत्र दिवस समारोह आयोजन के दिशा निर्देश जारी न होना निंदनीय -  हेमंत


अम्बाला/बराड़ा, (जयबीर राणा थंबड़)। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार द्वारा उपमंडल और तहसील मुख्यालयों पर गणतंत्र दिवस समारोह आयोजन के दिशा निर्देश जारी न होने को निंदनीय बताया और खेद जताते हुए कहा कि क्या आगामी 26 जनवरी 2021  को   देश  के 72 वें गणतंत्र दिवस  पर हरियाणा के सभी  73 सब-डिवीजन  (उपमंडल)  और 93 तहसील मुख्यालयों  पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और पुलिस परेड आयोजित करने  सम्बन्धी   कोई  राजकीय  समारोह  नहीं किया जाएगा ? ऐसा पढ़ने और सुंनने में भले भी अजीब लगे  परन्तु बीते दस दिनों में प्रदेश के मुख्य सचिव के अधीन  राजनैतिक और संसदीय  कार्य विभाग  द्वारा  जारी किए दो पत्रों में प्रदेश के उपमंडल  और तहसील मुख्यालयों पर गणतंत्र दिवस मनाने सम्बन्धी कार्यक्रम का  उल्लेख तक नहीं  किया गया है.

ज्ञात रहे की  इस वर्ष प्रदेश का   राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह  पंचकूला ज़िले में होगा जहाँ  राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) फहराएंगे और परेड की सलामी लेंगे.  8 जनवरी को  जारी सरकारी  पत्र में दर्शाये गए सम्पूर्ण कार्यक्रम अनुसार इस वर्ष  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पानीपत में जबकि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अंबाला में एवं इसी प्रकार शेष  कैबिनेट मंत्री (स्वास्थ्य कारणों से गृह मंत्री अनिल विज नहीं) और राज्यमंत्री एवं विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अलग अलग ज़िला स्तरीय समारोहों में ध्वजारोहण करेंगे. इनके अतिरिक्त शेष ज़िलों में मंडल आयुक्त और उपायुक्त झंडा फहराएंगे. हालांकि  इसके चार दिनों बाद 12 जनवरी को   इसी आशय में जारी  एक अन्य  पत्र द्वारा  विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता  और चार मंत्रियों- रणजीत सिंह, बनवारी लाल, अनूप धानक और संदीप सिंह- को इस सम्बन्ध में जारी आबंटित ज़िलों में फेर-बदल भी किया गया.  

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने अत्यंत  खेद जताते हुए बताया कि उपरोक्त दोनों पत्रों   में प्रदेश के उप-मंडल (सब-डिवीज़न) और तहसील मुख्यालयों  पर गणतंत्र दिवस मनाने सम्बन्धी कोई उल्लेख ही नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि गत वर्ष तक गणतंत्र दिवस  पर जारी सरकारी पत्र में स्पष्ट उल्लेख होता था कि उप-मंडल  मुख्यालयों पर सम्बंधित उप-मंडल अधिकारी (नागरिक ), जिन्हे आम भाषा में एसडीएम कहा जाता है,  और तहसील मुख्यालय पर तहसीलदार  राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे. उन्होंने कहा कि  न तो बीती  8 जनवरी को इस  विषय पर जारी मूल पत्र में ऐसा उल्लेख किया गया और न ही गत 12 जनवरी को जारी संशोधन  पत्र में जिससे ऐसा ही प्रतीत होता है  कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी उपमंडलों और तहसील मुख्यालयों पर इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह मनाना ही नहीं चाहती एवं इसका कारण वही बता सकती है.

बीते  सप्ताह   हेमंत  ने हरियाणा में गणतंत्र दिवस मनाने सम्बन्धी 8 जनवरी को जारी उक्त  सरकारी पत्र पर उल्लेखित  विषय में   गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करने बारे जबकि राज्यपाल द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का उल्लेख होने  एवं वहीँ   मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों आदि द्वारा  ध्वजारोहण करने से व्याप्त हो रही  विसंगति/गड़बड़ी  को उजागर करते हुए  प्रदेश के राज्यपाल,मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि को  प्रतिवेदन याचिका भी भेजी  जिसमें उन्होंने लिखा  कि 15 अगस्त 1947 के दिन देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई  थी एवं उस  दिन ब्रिटिश झंडे ( यूनियन जैक) को उतारकर  दिल्ली में  लाल किले पर भारतीय तिरंगे को  ऊपर चढ़ाया फहराया गया.  झंडे को नीचे से ऊपर ले जाकर फहराने की इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण  कहते हैं  इसलिए 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है. वहीं 26 जनवरी 1950 से  हमारा संविधान लागू हुआ था, इसलिए उस दिन पहले से ऊपर बंधे झंडे को केवल फहराया  जाता है. इस प्रकार ध्वजारोहण और राष्ट्रीय ध्वज फहराने में अंतर होता है. हालांकि आज तक न तो हरियाणा सरकार के गणतंत्र दिवस मनाने सम्बन्धी जारी पत्र में वांछित सुधार किया गया है और न ही हेमंत को कोई जवाब प्राप्त हुआ है.