पशु मवेशी तस्कर हैं क्षेत्र में हुए सक्रिय
ासन प्रशासन लाचार चुनौती का कारण बना
कृष्ण गिरी की रिपोर्ट रामचंद्रपुर
थाना चौकी रामचंद्रपुर होने से थाना क्षेत्र का सीमा बहुत दूर तक फैला हुआ है रामचंद्रपुर के बगल वाले थाना चौकी ,मरमा , डीनडो चौकी नावाडीह चौकी चिरकुंडा चौकी है लेकिन झारखंड सीमा से सटे हुए थाना चौकी रामचंद्रपुर ही पड़ता है झारखंड के लोगों का आना जाना इसी रास्ते इसी क्षेत्र से होता है फुलवार खुरी भीतरी के रास्ते से होकर आना-जाना करते हैं निकटवर्ती सीमा झारखंड के लगे होने से यहां क्षेत्र में लोगों का आना जाना प्राय दिन लगा ही रहता है रामचंद्रपुर जनपद पंचायत बहुत बड़ा होने से इसका दायरा भी बहुत ज्यादा फैला हुआ है जंगली रास्ता होने से यहां पशु मवेशी तस्कर सक्रिय हैं जिनका लाने ले जाने का तरीका ही अलग है पूछने बात करने पर यह कहते हैं कि हम दूर रिश्तेदार के यहां से लेकर आ रहे हैं हम झारखंड अपने घर जाएंगे एक या दो बैलों मवेशियों को ले जाते हैं वह बताते हैं हां अपने रिश्तेदार के यहां से ला रहे हैं ना ही उनके पास खरीदी की रसीद ना सरपंच द्वारा प्रमाणित बेखौफ 5 ,10 की संख्या में पगडंडी रास्ते होकर एक-एक करके आसपास के क्षेत्र से 200 400 का लालच देकर मर जाएगा बीमार हो जाएगा तुम इलाज नहीं करा पाओगे खरीदी कर ते हैं और रास्ते में रिश्तेदार के यहां लाने की बात बताते हैं ऐसा नहीं कि शासन प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है पर वह बताते हैं कि 10 ,20 की संख्या में मिले तो कार्यवाही करें जहां तक सवाल है कि अगर 1,2 की संख्या में कर कर दिन भर मे मवेशी तस्कर सप्ताह भर में सैकड़ों की संख्या पशु मवेशीमें ले जाते हैं जिनकी खबर से आकलन लगाया जा सकता है अगर शासन इस प्रकार की नजरिया रखती हैं तो शायद ही कभी 10, 20, 30, की संख्या में पशु मवेशी तस्कर जप्त हो पाएंगे और इधर कानून के नाक के नीचे से तस्कर अपना काम कर रहे हैं जिनको देखने पर ऐसा अनुमान लगाया जाता कि यह झारखंड से मवेशी पशु खरीदी बिक्री करने वाले लोग हैं उनको देखने से अनुमान लगाया जाता है तस्करी हैं जो एक-एक करके मवेशियों को ले जा रहे है