हरियाणा में बीजेपी सरकार ब्रोकन पॉइंट पर:कुलदीप
कहा,सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान न ले
करनाल 08जनवरी2021(संजय भाटिया) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा ने कहा हैकि प्रदेश की मनोहर सरकार ब्रोकन पॉइंट पर है।कभी भी किसानों के मुद्दे पर सरकार गिर सकती है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के राज्यपाल सत्यदेव नारायण सिंह ने विपक्ष के नेताओ को समय न दे कर लोकतन्त्र का अपमान किया है।राज्यपाल केंद्र के दवाव में काम कर रहे है।हरियाणा सरकार अल्पमत में है।यदि हिम्मत है तो स्पेशल सत्र बुला कर देख ले कौन किसान के साथ है या फिर सरकार के पक्ष में।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केमला में किसान महापंचायत बुला कर किसानों को तोड़ने का प्रयास कर रही है।किसान मुख्यमंत्री की किसानों को विभाजित करने की साजिश को विफल कर देंगे।कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप शर्मा करनाल में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।इस अवसर पर कांग्रेस के जिला संयोजक तरलोचन सिंह ,कृष्ण बसताड़ा रणपाल सन्धु,विनोद तीतोरिया एम एस महेंद्रू ,प्रेम मलवनिया,डॉ फतेह चन्द,गगन मेहता,कुलवंत सिंह,होशियार सिंह,सुनहरा वाल्मीकि ने भी जानकारी दी।पत्रकारों से चर्चा की शुरुआत उन्होंने किसानों के आंदोलन में शहादत देने वाले बाबा राम सिंह,तथा अन्य शहीद किसान नेताओ को श्रद्धांजलि अर्पित की।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहले किसानों से बात करना चाहिये।पहले उन्होंने भाई से भाई को लड़वाया ।बाद में प्रदेश को बर्ग संघर्ष में झोंक दिया।उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों को खत्म करने पर तुली हुई है।उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रही है।सरकार सात दौर की बातचीत के बाद भी वही पर खड़ी है जहाँ पहले थी।पहले दिन से किसान एमएसपी की गारंटी और किसान विरोधी तीन कानूनों को रद्द करने की मांग पर कायम है।फिर सरकार बातचीत के नाम पर नाटक क्यो कर रही है।केन्दीय मंत्री नरेंद्र तोमर के बयान के बाद किसानो को निराशा हाथ लगी है।
उन्होंने कहा कि सरकार कब तक किसानों को शहीद होते देखती रहेगी।किसानों के सब्र का इम्तहान न ले।किसान आने बाले दिनों में इतिहास बनाएंगे।उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिद से बाज आये।उन्होंने कहा कि जो किसानों की राजनीति करते थे वह किसानों को संकट में छोड़ कर गोआ में ऐश कर रहे है।इनके चेहरे से कांग्रेस नकाव हटायेगी।इससे पहले त्रिलोचन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान हित में संघर्ष को टालने के लिये महा पंचायत को रद्द करे।