17 करोड़ 76 लाख का गबन करने वाले 42 कर्मचारियों पर 191 मामले, दोषियों से खरीदी न कराने की मांग

 17 करोड़ 76 लाख का गबन करने वाले 42 कर्मचारियों पर 191 मामले, दोषियों से खरीदी न कराने की मांग


        होशंगाबाद - होशंगाबाद-हरदा जिले की 227 सहकारी समितियों में सेवानिर्वृती के बाद 42 समिति प्रबन्धक बचे है जिनपर समर्थन मूल्य खरीदी में गबन,धोखाधडी एवं आर्थिक अनियमितताओं के चार से अधिक मामले होने पर 191 प्रकरण पूर्व से लदे होने के बाद नए मामलों के लिए नोटिस दिये जाने पर आरोपी बनाए समिति कर्मचारियों पर तथा 300 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही समितियों द्वारा गेहु खरीदी न कराये जाने की मांग नागरिक अधिकार जनसमस्या निराकरण समिति के अध्यक्ष आत्माराम यादव ने आयुक्त नर्मदापुरम संभाग से मांग की है।चूकी इस संबंध में श्री यादव ने उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका लगाई है जो कोरोनाकाल के कारण यथावत स्थिति में है जिसपर भी शीघ्र सुनवाई होना है।   

                                नागरिक अधिकार जनसमस्या निराकारण समिति के अध्यक्ष श्री यादव के अनुसार खरीदी कार्य कर रही समिति के संचालक मण्डल एवं बोर्ड भंग किये हो चुके है ओर प्रशासक नियुक्त किये गये है जिनके हस्ताक्षर के बिना कोई लेनदेन संभव नहीं तब समितियों में आर्थिक अनियमितताओं एवं गड़बड़ी व धोखाधड़ी के लियें समिति प्रबन्धक-सहायकों को आरोपी बनाकर उन्हें सहकारिता अधिनियम की  धारा-58 बी के नोटिस जारी कर प्रकरण दर्ज किये जाने में जिम्मेदार प्रशासकों का क्यो भी आरोपी बनाने के जगह संरक्षण दिया जाकर एक पक्षीय कार्यवाही की जा रही है। इतना ही नहीं जब समर्थन मूल्य खरीदी के समय कलेक्टर द्वारा प्रतिदिन मानीटरिंग कर जिन अधिकारियों को जिन क्षेत्रों की समितियों की ज़िम्मेदारी सौंपी गयीवे क्या करते रहे जिससे समितियों को नुकसान उठाना पड़ा। उस नुकसान के लिए इन अधिकारियों को भी समिति कर्मचारियों की तरह आरोपी बनाये जाने से मुक्त नहीं किया जा सकता है।

       7 वर्षों इसके साथ ही खरीदी कार्य की मुख्य एजेन्सी सिविल सप्लाई द्वारा अपने ही बनाये नियमों एवं किये गये अनुबन्धों की समस्त शर्तो से मुकरकर समय पर समितियों का खरीदी मिलान न करने व समय पर भुगतान न कर नुकसान पहुचाने से मुक्त नहीं रखा जा सकता है। समितियों द्वारा खरीदी में घटती/सूखत की कमी तथा शर्तो एवं अनुबन्धों का पालन न किये जाने पर आपराधिक प्रकरण बनाये जाने की कार्यवाही से मुक्त रखा जाकर समिति कर्मचारियों को ही आरोपी बनाना अन्यायपूर्ण कार्यवाही है तथा इससे समितियों को होने वाले नुकसान के लिये दायित्वाधीन इन समस्तों के प्रति दरियादिली दिखाना अनुचित ही नहीं अपितु विधि के सर्वमान्य सिद्धान्तों का उल्लंघन है।

                                श्री यादव के अनुसार होशंगाबाद-हरदा जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी करने वाली 227 समितियों को 7 साल में 300 करोड़ रुपए की घटती /सुखत परिवहन में अमानक बताकर लौटाने जैसे हथकण्डों से हानि कारित करने, अपने बनाए नियम ओर अनुबंध का पालन न कर मुकरने वाले सिविल सप्लाई के सभी जिम्मेदार अधिकारियों तथा हर साल कलेक्टर द्वारा मानीटरिंग में लगे सभी अधिकारियों से इसकी प्रतिपूर्ति करायी जायेअन्यथा की स्थिति में सभी पर सहकारी संस्थाओं को डुबोने के लिये पुलिस कार्यवाही की जाये तभी समितियों को डूबने से बचाया जा सकेगा।