कौंसिल ने डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

 कौंसिल ने डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।



बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल


6 दिसंबर सविधान निर्माता भारत रत्न डॉ बाबासाहेब अंबेडकर जी के 64 वां महापरिनिर्वाण दिवस पर ऑल इंडिया एससी एसटी ओबीसी एम्प्लाइज को आर्डिनेशन कौंसिल पाथाखेड़ा ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। कौंसिल के नवनिर्वाचित क्षेत्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष तुलसी चंदेलकर, महामंत्री किशोर हारले, उपाध्यक्ष कन्हैया डहेरिया, कोषाध्यक्ष केडी कापसे तथा कार्यकर्ताओं ने सुबह 8 बजे के लगभग पाता खेड़ा बस स्टैंड पर स्थित डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और मोमबत्ती जलाकर श्रृद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही पंचशील ध्वजारोहण किया गया। तत्पश्चात कौंसिल कार्यालय शोभापुर में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का 64 वी पुण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कमला पाटिल, माला भूमरकर, संगीता कापसे, उर्मिला चौकीकर, तुलसी उबनारे और जया मालवीय ने सर्वप्रथम बाबासाहेब आंबेडकर जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर मोमबत्ती प्रज्जवलितकरके कार्यक्रम का शुभारंभ किया उपस्थित सभी उपासक और उपासक आओ ने बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की इस अवसर पर कौंसिल के क्षेत्रीय अध्यक्षतुलसी चंदेल करने कहा कि बाबा साहब जैसा पूरे विश्व में कोई शिक्षित नहीं है। आज भी विश्व में बाबा साहब को लोग मानते और पूजते हैं। क्योंकि उन्होंने किसी एक वर्ग के लिए नहीं बल्कि सभी के हितो को ध्यान में रखकर सविधान लिखा है जो पूरे विश्व में भी ऐसा सविधान नहीं बना है। भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अवश्य पढ़ना चाहिए। वही कमला पाटिल ने कहा कि बाबा साहब ने हमे तीन मंत्र दिए हैं शिक्षित बनो संगठित रहो और संघर्ष करो आज हम शिक्षित बने हैं मगर रोजगार के लिए। संगठित हो नहीं पा रहे हैं इसलिए अधिकारों के लिए संघर्ष कर नहीं पाते हैं। आज हमें एक होने की जरुरत हे यदि हम एकजुटता नहीं दिखाएंगे तो वह दिन दूर नहीं कि पहले हम अंग्रेज़ो के गुलाम थे और अब पूंजीपतियों के गुलाम बन जाएंगे। इस अवसर पर कौंसिल के राकेश उपराले, ओम प्रकाश नागले, नंदेस पहाड़े, कन्हैयालाल भुमरकर, हरिचंद खादीकर, पांडु झरबड़े, नागेश चौकीकर, राहुल कापसे, प्रकाश रजत, बाल किशन यादव सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।