ब्याज मुक्त ऋण मिलने से शिवानी और दीपिका की दिवाली हुई रोशन "खुशियों की दास्तां"
ब्याज मुक्त ऋण मिलने से शिवानी और दीपिका की दिवाली हुई रोशन "खुशियों की दास्तां"
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छिन्दवाड़ा | 13-नवम्बर


 

 

    वैश्विक कोरोना महामारी से समाज का हर वर्ग किसी न किसी रूप में प्रभावित हुआ है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर छोटे-छोटे काम धंधों से जुड़े लोगों और मजदूरों पर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लघु व्यवसाईयों की इस पीड़ा को समझते हुए और उन्हें आर्थिक तंगी से उबारने के लिए राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना प्रारंभ की गई है। अभी तक इस योजना का लाभ भी जिले के 1455 हितग्राहियों को  मिल चुका है। कुमारी शिवानी पिता श्री सतीश रघुवंशी और कुमारी दीपिका साहू पिता श्री सुनील साहू भी इन्हीं में शामिल हैं। छिंदवाडा जिले के ग्राम नेर की कुमारी शिवानी रघुवंशी और कुमारी दीपिका साहू सिलाई का काम करती हैं। कोरोना काल में उनका काम बंद था, लेकिन अब ब्याज मुक्त ऋण मिलने से वे नई सिलाई मशीनें लेंगी और अपना काम नए सिरे से चालू कर साल दर साल अपना व्यवसाय बढ़ा पाएंगी। गत दिवस आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उनके खाते में ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना के अंतर्गत 10 हजार रूपये की राशि अंतरित की गई है तथा कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन द्वारा इन दोनों हितग्राहियों को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में प्रतीकस्वरूप चैक वितरित किये गये । इसके लिए शिवानी और दीपिका ने राज्य शासन और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद ज्ञापित किया है। अब उनकी दिवाली सही अर्थों में रोशन होगी और वे खुशहाली से यह त्यौहार मना पायेंगी।
       उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना प्रारंभ की गई है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में पथ विक्रेता व्यवसाइयों को 10 हजार रूपये तक बैंक से कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में उपलब्ध कराना है। योजना में राज्य शासन द्वारा प्रति हितग्राही को 10 हजार रूपये तक के ऋण पर 14 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान की प्रतिपूर्ति की जाएगी। साथ ही योजना में राज्य शासन की क्रेडिट गारंटी रहेगी। इस योजना के पात्र हितग्राहियों को स्टाम्प ड्यूटी के प्रयोजनों से भी विमुक्त रखा गया है। ये लघु कारोबारी बिना परेशानी के आर्थिक सहायता प्राप्त करते हुए साल-दर साल अपने व्यवसाय को बढ़ा सकेंगे। स्ट्रीट वेंडर्स सहायता योजना में प्रथम वर्ष 10 हजार तत्पश्चात 30 हजार और फिर 50 हजार की ऋण सहायता से व्यवसाय अधिक लाभकारी हो जाएंगे। योजना में विभिन्न प्रकार के व्यवसायी जैसे आइसक्रीम, फल, समोसा/कचौड़ी, ब्रेड-बिस्किट, मुर्गी-अण्डे, कपड़ा, छोटे बर्तन, जूते-चप्पल, झाडू, केश शिल्पी, हाथठेला चालक, सायकल/मोटर सायकल रिपेयरिंग, बढ़ईगिरी, कुम्हार ग्रामीण शिल्पी, बुनकर, धोबी, टेलरिंग, कर्मकार मंडल के अन्तर्गत आने वाले व्यवसाय आदि संबंधित व्यवसायी/सेवा प्रदाता सहित अन्य इस प्रकार के कार्य करने वाले पथ विक्रेता (स्ट्रीट वेंडर) व्यवसायी सम्मिलित किये गये हैं। योजना में 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण प्रवासी श्रमिक, गरीब वर्ग के परिवार, ग्रामीण क्षेत्र के व्यवसायी जिनके परिवार की महिलायें आजीविका मिशन या तेजस्विनी परियोजना में गठित स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं, लाभांवित हो सकते हैं। शैक्षणिक योग्यता, जाति एवं वर्ग का कोई बंधन नहीं है। योजना को सरल बनाने के लिये कामगार सेतु पोर्टल बनाया गया है।