लगातार प्रयत्न करने से असंभव भी संभव पर हुई परिचर्चा

 लगातार प्रयत्न करने से असंभव भी संभव पर हुई परिचर्चा 



बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल


शासकीय महाविद्यालय सारनी में स्वामी विवेकानंद केरियर मार्गदर्शक प्रकोष्ठ के अंतर्गत बार-बार प्रयत्न करने से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है। विषय पर गूगल मीट एप पर परिचर्चा आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में आईटीआई इंदौर के ट्रेनिंग ऑफिसर सुगन धुर्वे अन्य वक्ता के रूप में इंद्रेश बिसेंद्रे, भूतपूर्व छात्र सुनील वरकडे, मनोज नागले, ओमप्रकाश सोलंकी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सर्वप्रथम महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर प्रमिला वाधवा ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश की मुख्य योजनाओं में से एक स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शक योजना का संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत किया तथा बच्चों की जिज्ञासा जानी। इंद्रेश बिसंद्रे ने परिचर्चा में बताया कि बार-बार प्रयत्न करने से हर असंभव कार्य को संभव बनाया जा सकता है। छात्र सुनील वरकडे ने बताया कि वह भी निरंतर प्रयासरत है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तथा असफलता प्राप्त होने पर निराशा नहीं आने दी है। महाविद्यालय  के खेल अधिकारी मनोज नागले परिचर्चा में किसी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने व्यक्तिगत रूचि को पहचानने की सलाह दी तथा रुचि के आधार पर कार्यों का चयन कर इसमें अपनी कमजोरी को पहचानने तथा उन कमजोरियों पर बार-बार प्रयास करके उसे अपनी ताकत बनाने की सलाह दी। इस गूगल मीटिंग का संचालन योजना प्रभारी श्री प्रदीप पंद्राम प्रधानाध्यापक अर्थशास्त्र ने किया और उन्होंने बताया कि संयम एवं धैर्य रखकर अपने कार्यों की प्राप्ति करना चाहिए। ओमप्रकाश सोलंकी ने तकनीकी सहयोग प्रदान करते हुए बच्चों को बताएं कि असफल होने पर शांत मन से उस बारे में सोचें जिससे कि हमें सकारात्मक विचार आ सके, इसी के साथ उन्होंने कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय स्टाफ एवं महाविद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।