सावधानी ही सुरक्षा का अचूक मंत्र - डॉ. जैन,

सावधानी ही सुरक्षा का अचूक मंत्र - डॉ. जैन,
होशंगाबाद- आपदा के दौरान सावधानी ही जन धन व जीवन की सुरक्षा का महत्वपूर्ण मंत्र है। यह बात शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन ने कही। ज्ञात को गुरूवार 29 अक्टूबर को महाविद्यालय की आपदा प्रबंधन समिति द्वारा आग प्रबंधन विषय पर ऑनलाईन् बिचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. जैन ने कहा कि महाविद्यालय में गठित आपदा प्रबंध समिति द्वारा आपदा प्रबंध को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है यह कार्यक्रम उसी कार्य योजना का एक हिस्सा उन्होनें महाविद्यालय की छात्राओं को आग के प्रति सदैव सजग रहने को कहा है। उन्होने यह भी कहा कि आग यदि नियंत्रण में है तो हमारी मित्र है और जीवन में उपयोगी है किन्तु यदि वह अनियंत्रित हो जाती है तो यह विनाष का पर्याय बन जाती है। इसलिए घरों खेत खलियानों कार्यालयों सार्वजनिक यातायात के साधनों में सदैव सतर्क रहना चाहिए प्रयोगषालाओं/बस/ट्रेन में अग्नि शामक यंत्र होना आवष्यक है। आगजनी रोकने के लिए हर पंचायत में आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। ऑनलाईन संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. आषीष बिल्लोरे ने आग प्रबंधन पर व्यापक प्रकाष डालते हुए पीपीटी के माध्यम से आग से बचाव के विभिन्न पहेलुओं को समझाया और उन्होने आग के प्रकार ,अग्नि बुझाने का सिद्धांत , आग बुझाने में उपयोग होने वाले सामान्य उपकरण, नगर क्षेत्र में भवनों की सुरक्षा, बहुमंजिले भवनों में अग्नि सुरक्षा, ग्रामीण क्षेत्रों में भवनों की सुरक्षा, त्योहारों और आयोजनों पर अग्नि सुरक्षा, विस्फोटकों व पटाखों के निर्माण, भंडारण व परिवहन में सावधानियों, सार्वजनिक स्थलों पर अग्नि से सुरक्षा, रेल गाडी में एलपीजी गोदामों में अग्नि सुरक्षा, उद्योगों र्में अिग्न सुरक्षा, विद्युत की अग्नि से सुरक्षा  आदि बिन्दुओं पर अपने बिचार रखे। 
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ज्योति जुनगरे ने कहा कि आपदा प्रबंधन समिति द्वारा माह के दूसरे सप्ताह में विभिन्न विषयों जैसे भूकंप प्रबंधन, बाढ़ प्रबंधन, रेल भिडंत, भगदड़, भूस्खलन, आग प्रबंधन पर चर्चा की जावेगी एवं इससे संबंधित डाक्यूमेंट्री प्रत्यक्ष मॉक ड्रील के आयोजन किए जा रहे है। इससे आपदा प्रबंधन को लेकर विद्यार्थियों में जागरूकता आवेगी। प्राध्यापक डॉ. अरूण सिकरवार ने कहा कि अपने रासायनिक उपकरणों से आग से कैसे निदान पाया जा सकता है इस बात को विस्तार पूर्वक समझाया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. हर्षा चचाने ने आग , आगजनी से होने वाले नुकसान और सुरक्षा के उपायों पर चर्चा करते हुए सभी उपस्थित प्राध्यापकों, सहा. प्राध्यापकों, षिक्षकों, पालक व छात्राओं का आभार माना। इस बिचार गोष्ठी में 70 छात्राओं के साथ उनके पालक, समूचा महाविद्यालय एवं स्टॉफ उपस्थित रहा।                           प्रदीप गुप्ता की रिपोर्ट