जयकारे के नारों के साथ हुआ मां जगदम्बा का विषर्जन, प्रशानिक व्यवस्थाएं रही चुस्त दुस्त
नवदुर्गा मां की मूर्ति विषर्जन शांतिपूर्वक सम्पन्न।
हरदा खबर- कुलदीप राजपूत -
नवदुर्गा महोत्सव के अंतिम दिन पूर्णाहुति के साथ मां जगदंबे का विसर्जन किया गया। विसर्जन के पहले हवन कुंड में श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति दी और रविवार को उनकी भक्ति आराधना का अंतिम दिन था, जिसे मां की मूर्ति विषर्जन के रूप में मानया गया।
विगत कुछ दिनों से क्षेत्र में नवरात्रि महोत्सव की धूम थी। हर जगह मां जगदम्बा की मूर्तियों को स्थापित कर उनकी विधिवत तरीके से पूजा आराधना की जा रही थी और मां नर्मदा मैं बनाया गया था विसर्जन कुंड नदी, तालाब और जलाशयों में मूर्ति
विसर्जन से होने वाले जल प्रदूषण को रोकने के लिए
पंचायत प्रशासन ने नर्मदा घाट छिपानेर में विसर्जन कुंड बनाया गया। उसमें श्रद्धालुओं ने माता का विसर्जन किया। कोविड 19 की गाइड लाइन के अनुसार प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस की अनुमति नहीं थी,। पिछले नौ दिनों से हो रही सेवा सत्कार के साथ श्रद्धालु माता की प्रतिमा को विसर्जित कर उन्हें विदाई दी। भक्त प्रतिमाएं लेकर नर्मदा घाट छिपानेर पहुंचे । विसर्जन को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली थी। सचिव महेंद्र सिंह तोमर ने बताया की विसर्जन कुंड तैयार किया गया है। इस कुंड में ही विधि विधान से दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कराया जाएगा। सुबह से ही सुरक्षा समिति सदस्य ग्राम कोटवार व पुलिस जवानों द्वारा श्रद्धालुओं को हिदायत देकर प्रतिमा का कुंड में विसर्जन कराया गया,।
प्रशासनिक अमला रहा मौजूद--------
राजस्व विभाग पुलिस विभाग ग्राम पंचायत सचिवो एवं एसडीआरएफ होमगार्ड की विशेष टीमों को भी लगाया गया था,,
निरीक्षण पर पहुंचे टिमरनी एसडीएम महेश कुमार बमनाहा नायब तहसीलदार संदीप गौर करताना चौकी प्रभारी अविनाश पारदी ने छिपानेर जलोदा लछोरा गोंडागांव गंश्वरी आदि स्थानों पर जाकर भ्रमण किया एवं प्रशासन द्वारा लगाई गई टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए एसडीआरएफ पालर्टू कमांडेट सुश्री रक्षा राजपूत ने बताया टिमरनी तहसील अंतर्गत एसडीआरएफ एवं होमगार्ड की चार टुकड़ी लगाई गई है। छिपानेर में सचिव महेंद्र तोमर पटवारी राहुल कनाडे सरपंच का प्रतिनिधि मंगल पवार एवं पुलिस प्रशासन मौजूद थे वही लछोरा मैं पटवारी सुंदरलाल धाकड़ अनुराग गौर सचिव श्याम राजपूत गोंदागांव गंगेश्वरी में पटवारी मुकेश गौर आदि मौजूद थे।